
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार को आंतकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया. सूत्रों के मुताबिक- इस हमले में 26 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है. सऊदी अरब की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से टेलीफोन पर बात कर हालात की जानकारी ली है. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली है. यह पहला मौका नहीं है जब जम्मू कश्मीर में पर्यटकों को निशाना बनाया गया है. आइए जानते हैं कि आतंकवादियों ने कब कब पर्यटकों को निशाना बनाया है.
जम्मू कश्मीर में कब कब पर्यटक बने आतंक का निशाना
18 मई 2024: राजस्थान के जयपुर से आई एक दंपति को निशाना बनाकर आतंकवादियों ने श्रीनगर में फायरिंग की थी.
नौ जून 2024: रियासी जिले में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. इस आतंकी हमले में नौ लोगों की जान गई थी और 33 लोग घायल हुए थे.
14 नवंबर 2005: श्रीनगर के लाल चौक इलाके में स्थित एक सिनेमाहाल के पास हुए एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के दो जवानों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले में एक जपानी पर्यटक समेत 17 लोग जख्मी हुए थे.
चार जुलाई 1995: पहलगाम के लिद्दरवाट में हरकत-उल-अंसार नाम के आतंकी संगठन के आतंकियों ने छह विदेशी पर्यटकों और दो गाइड को अगवा किया. अगवा किए गए पर्यटक अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे और जर्मनी के नागरिक थे. आतंकियों ने एक पर्यटक की हत्या कर दी थी.
20 जुलाई 2001: अमरनाथ गुफा मंदिर के पास तीर्थयात्रियों के एक कैंप पर आतंकियों ने हमला किया. इस हमले में आठ तीर्थयात्रियों समेत 13 लोगों की मौत हुई और 15 घायल हुए. मरने वालों में तीन स्थानीय नागरिक और सुरक्षा बलों के दो जवान शामिल थे.
एक-दो अगस्त 2000: आतंकवादियों ने कश्मीर के अनंतनाग और जम्मू रीजन के डोडा जिले में अमरनाथ यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को निशाना बनाया. एक अगस्त को हुए पांच हमलों में करीब 100 लोगों की जान गई थी. वहीं दो अगस्त को पहलगाम के नुनवान बेस कैंप को निशाना बनाया गया. इसमें 21 तीर्थयात्रियों,सात स्थानीय दुकानदार और तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए थे.
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