केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद पूर्व राज्यसभा सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को एनडीटीवी से बातचीत की. इस दौरान इस्तीफे के संबंध में उन्होंने कहा, " राज्यसभा का कार्यकाल का जरूर पूरा हुआ है, लेकिन सियासी और सामाजिक जीवन का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है. सितारों के आगे जहां और भी है, वक्त के आगे इन्तहां और भी है. जो भी जिम्मेदारी मिलती है, उसको पूरे समर्पण और मेहनत के साथ निभाना चाहिए. पूरी ताकत के साथ काम करना चाहिए और मैं भी यही कोशिश करता हूं. "
जिम्मेदारी खुद ही महसूस करनी चाहिए
उन्होंने कहा, " जिम्मेदारी कोई देता नहीं है. खुद ही महसूस करनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा आशीर्वाद रहा है. उनके मार्गदर्शन में हमने काम किया है. उन्होंने जिस तरह परिश्रम को परिणाम में बदलकर दिखाया है. उसकी संस्कृति और संस्कार मील का पत्थर साबित होगा."
इस्तीफा राष्ट्रपति ने किया स्वीकार
बता दें कि केंद्रीय मंत्रियों मुख्तार अब्बास नकवी और राम चंद्र प्रसाद सिंह ने राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के एक दिन पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार भी कर लिया. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का भी प्रभार सौंपा जाए.
कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके मौजूदा नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अलावा इस्पात मंत्रालय का प्रभार भी सौंपा गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान देश व लोगों की सेवा के लिए दोनों नेताओं की सराहना की थी.
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