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This Article is From Dec 04, 2023

"दोनों दिग्गज नेता, लेकिन..." : तेलंगाना के 'जायंट किलर' रमन्ना रेड्डी ने बताया कैसे दी KCR और रेवंत रेड्डी को मात

तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से महज दो फीसदी ज्यादा वोट पाकर बड़ी जीत हासिल की.

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"दोनों दिग्गज नेता, लेकिन..." : तेलंगाना के 'जायंट किलर' रमन्ना रेड्डी ने बताया कैसे दी KCR और रेवंत रेड्डी को मात
नई दिल्ली:

रविवार को तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana assembly elections) के लिए हुए मतों की गणना के बाद सबसे अधिक चर्चा कांग्रेस पार्टी की जीत और के.चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति की हार की हो रही है. लेकिन तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजों को गहराई से देखने के बाद बीजेपी नेता वेंकट रमन्ना रेड्डी (Venkat Ramanna Reddy) सामने आते हैं जिन्होंने न सिर्फ निवर्तमान मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को पराजित किया बल्कि कांग्रेस के संभावित सीएम रेवंत रेड्डी को भी इस चुनाव में पटकनी देकर इतिहास रच दिया. अब यकीनन वेंकट रमन्ना रेड्डी बीजेपी के राज्य में सबसे प्रमुख स्थानीय चेहरे बन गए हैं. वेंकट रमन्ना रेड्डी को 66,000 से अधिक वोट हासिल हुए और उन्होंने केसीआर को चुनाव में हरा दिया. कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख तीसरे स्थान पर रहे.  तीनों के बीच करीब 12 हजार वोट का फासला रहा.

"मैं कोई स्टार या कोई सुपरस्टार नहीं हूं"

एनडीटीवी से बात करते हुए बीजेपी नेता रेड्डी ने बताया कि "मैं कोई स्टार या कोई सुपरस्टार नहीं हूं. मैं बस 'स्टार वार्स' में फंस गया था. साथ ही उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की अप्रत्याशित जीत थी. जब उनसे पूछा गया कि क्या इस तरह की जीत की उन्होंने कभी कल्पना की थी तो उन्होंने कहा कि मैंने सोचा था कि ऐसा हो सकता है.

बीजेपी नेता ने कहा कि वास्तव में, मैंने चुनाव से पहले एनडीटीवी को बताया था. मैंने कहा था 'मैं आश्वस्त हूं और दोनों को हराऊंगा...'. उन्होंने कहा कि "दोनों महान नेता हैं... एक पूर्व मुख्यमंत्री हैं, दूसरे आने वाले मुख्यमंत्री हैं. उनके बीच कोई अंतर नहीं है.वास्तव में, हम वोटों के मामले में बहुत करीब थे... हमारे बीच केवल 12,000 मतों का अंतर है.

रेड्डी ने कहा कि मैं इस मौके के लिए उन उम्मीदवारों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे ये मौका दिया कि मैं उन्हें चुनाव में हरा सकूं. अगर मैं उन दोनों के खिलाफ नहीं उतरा होता तो में भी  119 विधायकों में से सिर्फ एक होता. अगर वो दोनों नेता  कामारेड्डी से चुनाव नहीं लड़ते तो एनडीटीवी को मुझमें कोई दिलचस्पी नहीं होती.  रेड्डी ने अपनी शानदार जीत की पुष्टि होने के कुछ घंटों बाद रविवार देर रात भी इसी तरह की टिप्पणी की थी उन्होंने कहा था कि मैंने दोनों को सामान्य उम्मीदवारों के रूप में लिया था. लोगों ने मुझे बहुत समर्थन दिया और यही कारण है कि मैं जीत गया... मैं कहना चाहता हूं कि मैं सिर्फ 65,000 मतदाताओं का विधायक नहीं हूं... बल्कि मैं चार लाख लोगों का विधायक हूं. 

"पिछले पांच वर्षों से हम जनता के लिए काम कर रहे हैं"

पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा करते हुए रेड्डी ने कहा कि "पिछले पांच वर्षों से हम जनता के लिए काम कर रहे हैं... कैडर को मजबूत करने और भ्रष्ट बीआरएस सरकार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हमने काम किया. हमारे लक्ष्य के रूप में 20-25 सीटें थीं. लेकिन हमें उम्मीद से कम सीटों पर जीत मिली. 5-6 सीटों पर हम काफी कम अंतर से चुनाव हार गए.कांग्रेस की जीत पर टिप्पणी करते हुए रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस का 60 से अधिक सीटें जीतना सामान्य है... हम इसे कोई भारी बहुमत नहीं मानते हैं. राज्य की जनता ने इनके पक्ष में कोई भारी मतदान नहीं किया. गौरतलब है कि रविवार को आए चुनाव परिणाम में कांग्रेस ने 64 सीटें जीतीं. 

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