बेंगलुरु:
तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) द्वारा शुक्रवार को आहूत दिनभर के बंद से हैदराबाद सहित राज्य के अन्य नौ जिलों में जन-जीवन प्रभावित रहा। आंध्र प्रदेश सड़क परिवहन निगम की बसें नहीं चलीं। दुकानें व शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। जेएसी ने बंद का आयोजन सरकार के उस निर्णय के विरोध में किया है, जिसके तहत उसने तेलंगाना नेताओं को एम. यदी रेड्डी को श्रद्धांजलि देने की अनुमति नही दी। रेड्डी ने बुधवार को नई दिल्ली में आत्महत्या कर ली थी। रेड्डी का शव गुरुवार रात दिल्ली से यहां लाया गया था। शव को एम्बुलेंस से उनके पैतृक गांव पेडामंगलम ले जाया गया। पुलिस ने रेड्डी के शव की अगवानी करने हवाईअड्डे जा रहे तमाम तेलंगाना समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया था। जेएसी, राज्य कर्मचारियों के हड़ताल करने के अधिकार का हनन करने की सरकार की कोशिशों का भी विरोध कर रही है। शैक्षणिक संस्थान, दुकानें व व्यापारिक प्रतिष्ठान शुक्रवार को बंद हैं। राजधानी में बंद की हिंसक शुरुआत हुई, और प्रदर्शनकारियों ने तड़के शहर के बाहरी हिस्सों में लगभग 20 बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके परिणामस्वरूप निगम ने अपनी सभी सेवाएं स्थगित कर दी। पुलिस ने कहा कि गुंटूर से यहां आ रही बसों के चालकों व परिचालकों को प्रदर्शनकारियों द्वारा एल.बी. नगर में किए गए पथराव से चोटें आई हैं। सिकंदराबाद के बावनपल्ली में आठ बसें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि जीदिमेटला में प्रदर्शनकारियों ने एक निजी वाहन को निशाना बनाया। बंद के कारण बसों की शहरी सेवाएं भी स्थगित कर दी गई हैं, जिसके कारण नागरिकों को भारी असुविधा हो रही है। बसें डिपो से बाहर नहीं निकलीं, क्योंकि परिवहन निगम के कर्मचारी भी बंद में शामिल हो गए हैं। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं व विद्यार्थियों के साथ डिपो के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। एहतियात के तौर पर शुक्रवार को सभी स्कूलों व कॉलेजों में एक दिन का अवकाश घोषित कर दिया गया है। पेट्रोल पम्प और दुकानें भी बंद हैं। तेलंगाना में इस महीने यह दूसरा बंद है। इसके पहले पांच-छह जुलाई को दो दिनों का बंद आयोजित किया गया था।
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