सोनीपत : सोनीपत जिले के गोहाना की एक दलित नाबालिग लड़की ने अपने साथ हुए बलात्कार से शर्मिंदा होकर फांसी लगा ली। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने गैंगरेप को रेप दिखाकर सिर्फ एक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जबकि अपराध में शामिल बाकी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज तक नहीं किया गया।
एक महीने तक बलात्कार का दंश और मानसिक पीड़ा भुगतने के बाद आखिरकार पीड़ित लड़की का सब्र जवाब दे गया। रोज़ रोज़ तिल तिलकर मरने से बेहतर उसने फांसी लगाकर जान दे दी। पीछे रह गया रोता बिलखता परिवार। जिस पुलिस पर आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए भरोसा किया वही दगा दे गई। पीड़ित के चाचा ने आरोप लगाया, 'घटना के बाद पुलिस ने लड़की को अकेला रखा था, थाने के अंदर हमें मिलने भी नहीं दिया गया। हमें पता चला कि ये अकेला नहीं था, तीन और थे। एक ने तो खुद कहा था कि वह मौके पर था। अब पुलिस कह रही है कि हम आपकी मदद करेंगे।'
पिछले महीने की 6 तारीख को लड़की घर से लकड़ी लेने निकली थी। आरोपी उसे अगवाकर गांव के बाहर ले गए और गैंगरेप किया। मौके पर बियर की बोतलें मिली थीं, लेकिन पुलिस ने इन सभी अहम सबूतों को नज़रअंदाज़ करते हुए सिर्फ एक शख़्श को आरोपी बनाया। पुलिस कह रही है कि लड़की ने जो बयान मजिस्ट्रेट के सामने दिया उसके मुताबिक तफ्तीश हुई।
जांच अधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि लड़की ने शर्मिंदगी के चलते आत्महत्या कर ली है, हमने आरोपी के खिलाफ धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।'
36 साल का आरोपी सुखवंत सिंह फिलहाल जेल में है। लेकिन अब उसके खिलाफ पुलिस मजबूत केस बना पाएगी, इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ता पंकज चांदगोठिया के मुताबिक पीड़ित लड़की अब रही नहीं, कोई सुसाइड नोट भी नहीं है, अब आरोपी के खिलाफ अदालत में केस बेहद कमज़ोर हो गया है, वह आसानी से ज़मानत पर छूट जाएगा।'
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