भारत टेक्नोलॉजी के कई क्षेत्र में शानदार काम कर रहा है. देश के विकास के लिए तकनीक का विकास जरूरी है. PM नरेंद्र मोदी बहुत पहले ही कह चुके है कि वो भारतीय नौजवानों को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाना चाहते हैं. देश के नौजवानों ने जॉब क्रिएटर बनने का रास्ता चुना है. नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ आधुनिक तकनीक की पीठ पर सवार भारत अपने लिए विकसित भारत के लक्ष्य को करीब पा रहा है.
उदाहरण के लिए चिराग शर्मा की कंपनी Hubblefly Technologies, जो 8 तरह की ड्रोन बनाती है. अब तक ये कंपनी तीन सौ ड्रोन बना चुकी है और उन्हें अब बेच भी रही है. इस केपनी ने सर्वे ऑफ इंडिया और IFFCO के साथ भी काम किया है. ये कंपनी 12 शहरों में ट्रेनिंग और सेवा दे रही है. इतना ही नहीं है, चार- पांच लोगों के साथ शुरू की गई इस कंपनी में 300 के करीब कर्मचारी कार्यरत है.
वहीं, स्वास्थ्य कृषि से लेकर शिक्षा तक के क्षेत्र में AI का भरपूर इस्तेमाल होने लगा है. पीएम मोदी ने बिल गेटस ने कहा था कि हमारे यहां बच्चा पैदा होता है तो AI भी बोलता है. PM मोदी को यकीन है की AI का दायरा चौथी औद्योगिक क्रांति का सबब बन सकता है और उससे भारत को बहुत फायदा होगा. पीएम मोदी पहले ही टेक्नोलॉजी से विकसित भारत का रास्ता बनेगा.
आईटी प्रोडक्ट के मामले में भारत टॉप निर्यातक
आज भारत दुनिया में फर्मा सेक्टर के मामले में तीसरे नंबर पर है. वहीं, आईटी प्रोडक्ट के मामले में टॉप निर्यातक है. 2023 में जहां जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र 120 बिलियन डॉलर का का था. यह 2025 तक 150 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. तकनीक ने लोगों की जिंदगी बदल दी. अब उसी तकनीक के कंधे पर हिंदुस्तान 2047 की तरफ देख रहा है, जहां उसके लिए विकसित भारत की मंजिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय कर रखी है.
"यूपीआई की सफलता से तीन महत्वपूर्ण सबक..."
पीएम मोदी ने 'न्यूजवीक' को दिए इंटरव्यू में भारत में तकनीक के विकास पर बात करते हुए कहा था कि यूपीआई की सफलता से तीन महत्वपूर्ण सबक हैं. सबसे पहले टेक्नालॉजी का रास्ता खुला, जो अंतरसंचालनीय, स्केलेबल और सुरक्षित होनी चाहिए. दूसरा, टेक्नालॉजी का लोकतंत्रीकरण होना चाहिए. तीसरा, लोगों पर भरोसा किया जाए कि वे टेक्नालॉजी को तेजी से अपनाएंगे और विकास करेंगे.
उन्होंने कहा कि यूपीआई भारतीय इनोवेशन का बेहतरीन उदाहरण है. मैं यूपीआई को एक सरल उपकरण के रूप में देखता हूं जिसने वित्तीय बाधाओं से लेकर भौगोलिक बाधाओं तक अनगिनत बैरियर तोड़ दिए. इसने डिजिटल लेनदेन की दुनिया अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के लिए खोल दी है.
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