बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने नूपुर शर्मा के बयान को लेकर कई शहरों में हुए उग्र विरोध प्रदर्शन की कड़ी निंदा की है. इसके साथ ही तसलीमा ने पैगंबर मोहम्मद का जिक्र करते हुए हिंसक प्रदर्शन करने वालों को भी नसीहत दी है. बांग्लादेशी लेखिका ने अपने ट्वीट में कहा, 'अगर पैगंबर मोहम्मद आज जिंदा होते तो दुनिया भर में मुस्लिम कट्टरपंथियों का पागलपन देखकर चौंक जाते.'
तसलीमा ने दो दिन पहले ही ट्विटर पर लिखा था कि आलोचना से ऊपर कोई नहीं हो सकता, कोई इंसान भी नहीं, कोई संत नहीं, कोई मसीहा नहीं, कोई पैगंबर नहीं, कोई भगवान नहीं. दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए आलोचनात्मक रवैया जरूरी है. तसलीमा नसरीन अपनी किताब "लज्जा" की बांग्लादेश में कड़ी आलोचना के बाद लगभग तीन दशकों से निर्वासन में रह रही हैं.
Even if prophet Muhammad was alive today, he would have been shocked to see the madness of the Muslim fanatics around the world.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) June 10, 2022
No one is above criticism, no human, no saint, no messiah, no prophet, no god. Critical scrutiny is necessary to make the world a better place.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) June 8, 2022
कट्टरपंथी संगठनों से मौत की धमकी मिलने पर उन्हें साल 1994 में बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था. हालांकि तसलीमा के पास स्वीडिश नागरिकता है और वह पिछले दो दशकों में अमेरिका और यूरोप में रही हैं, लेकिन वह ज्यादातर समय से शॉर्ट रेजिडेंसी परमिट पर भारत में रह रही है. निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा और उनके निष्कासित सहयोगी नवीन कुमार जिंदल की टिप्पणी को लेकर कोलकाता के पास हावड़ा सहित कुछ शहरों में देश भर में प्रदर्शनों और कुछ शहरों में झड़पों के बाद दो लोग मारे गए और दर्जनों गिरफ्तार किए गए.
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बीजेपी नेताओं की पैगंबर पर की गई विवादित टिप्पणी ने लोगों को गुस्से से भर दिया. आलम ये हुआ कि कई पश्चिम एशियाई देशों ने सार्वजनिक माफी की मांग की. यहां तक कि भारतीय सामानों के बहिष्कार की भी बात कही. गुरुवार को, दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्होंने नूपुर शर्मा और अन्य के खिलाफ सोशल मीडिया पर "लोगों को उकसाने" के लिए शिकायत दर्ज की थी. वहीं बीजेपी ने दोनों नेताओं के खिलाफ आंतरिक कार्रवाई करते हुए कि कहा कि उनकी पार्टी किसी भी संप्रदाय या धर्म के अपमान को बढ़ावा नहीं देने का काम नहीं करती है.
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