
- अनीता खुदकुशी मामले में सुप्रीम कोर्ट का जल्द सुनवाई से इनकार
- कोर्ट ने कहा- जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं
- अनीता 12वां की टॉपर थी
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नीट की काउंसलिंग में हिस्सा लेने का आखिरी मौका, 7 सितंबर तक होगी काउंसलिंग

दरअसल, वकील जीएस मणि ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि मद्रास हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच की जाए. इसके साथ-साथ याचिका में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार को आदेश दे कि वह राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखे और कोई भी राजनीतिक पार्टी व अन्य लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन न करें. साथ ही तमिलनाडु राज्य बोर्ड के पाठ्यक्रम को 11 वीं व 12 वीं कक्षा के लिए सीबीएसई के अनुरूप बनाने के आदेश दिए जाएं.
सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा को लेकर लड़ाई लड़ने वाली लड़की हार गई जिंदगी की जंग
दरअसल, तमिलनाडु के अरियालुर जिले की रहने वाली छात्रा अनीता नीट परीक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ने वाली दलित स्टूडेंट थी. अनिता 12वीं की टॉपर थीं. बताया जा रहा है कि 17 वर्षीय अनीता ने आत्महत्या इसलिए की है क्योंकि वो 12वीं की टॉपर होने के बाद भी मेडिकल सीट पाने में सफल नहीं हो पाई थी. बता दें कि तमिलनाडु ने इस साल राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (NEET) से राज्य को बाहर रखने के लिए अधिसूचना जारी की थी.
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