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नहीं मिली व्हीलचेयर, 80 साल की मां को गोद में अस्पताल के अंदर ले जाने को मजबूर हुई महिला

जांच का नेतृत्व कर रहीं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त निदेशक अंबिका षणमुगम ने एनडीटीवी को बताया, "मैंने अस्पताल के अधीक्षक और रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर से पूछताछ की है. आज मैं अन्य कर्मचारियों और परिचारकों के साथ जांच कर रही हूं."

नहीं मिली व्हीलचेयर, 80 साल की मां को गोद में अस्पताल के अंदर ले जाने को मजबूर हुई महिला
इस मामले की जांच की जा रही है.
चेन्नई:

तमिलनाडु में एक महिला अपनी 80 वर्षीय मां को गोद में उठा कर सरकारी अस्पताल के अंदर ले जाते हुए नजर आई और इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देख सोशल मीडिया पर लोग अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि पेशेंट को अस्पताल ने व्हीलचेयर देने से मना कर दिया था. इस वीडियो के वायरल होने के बाद तमिलाडु हेल्थ अथोरिटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है. 

जांच का नेतृत्व कर रहीं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त निदेशक अंबिका षणमुगम ने एनडीटीवी को बताया, "मैंने अस्पताल के अधीक्षक और रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर से पूछताछ की है. आज मैं अन्य कर्मचारियों और परिचारकों के साथ जांच कर रही हूं."

36 सेकेंड के इस वीडियो को एनडीटीवी खुद वैरिफाई नहीं कर पाया है में एक महिला जिसका नाम वलार्मथी, अपनी बुर्जुग मां सोरना को सड़क हादसे के बाद गोद में उठा कर अस्पताल के अंदर ले जाते हुए नजर आ रही है. वलार्मथी अस्पताल परिसर में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए भी अपनी मां को गोद में ले जाते हुए नजर आ रही है, जहां वह रेजिस्ट्रेशन स्लिप लेने के लिए पहुंची थी. 

अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी अस्पताल में पर्याप्त संख्या में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर हैं. हालांकि, उन्होंने बताया कि उस समय, स्टाफ एक हत्या के मामले में शव के आने में व्यस्त था. उन्होंने दावा किया कि परिचारिका ने सहायता नहीं मांगी, बल्कि उपचार में तेजी लाने के प्रयास में अपनी मां को ले जाने का विकल्प चुना. शनमुगम ने कहा, "न तो मरीज और न ही उसके परिवार ने कोई शिकायत दर्ज कराई है". 

उन्होंने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. 

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