
सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ स्वदेशी जागरण मंच ने बुलंद की आवाज
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स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार की आर्थिक नीतियों का किया विरोध
'देश में बेरोजगारी चिंताजनक स्तर पर'
29 अक्टूबर को दिल्ली में स्वदेशी महारैली
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साफ है कि संघ परिवार से जुड़ी संस्थाएं अब खुलकर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाने लगी हैं. उन्हें अब भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), भारतीय उद्योग व्यापार मंडल और भारतीय कृषक समाज जैसे संगठन का भी साथ मिल रहा है. उद्योग संस्थानों की संस्था पीएचडी चैंबर्स में पूर्व अध्यक्ष रवि विग कहते हैं, 'चीन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को डंपिंग ग्राउंड बना दिया है.वो हमारी अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करना चाहता है.' उनका इशारा है कि चीन सरकार भारत में विदेश निवेश की सरल नीति का दुरूपयोग कर रही है और मौजूदा व्यवस्था उसे रोकने में नाकाम साबित हो रही है. इससे पहले भारतीय मजदूर संघ 17 नवंबर को दिल्ली में अपने करीब पांच लाख कार्यकर्ताओं की महारैली करने का ऐलान कर चुका है.
VIDEO : विदेशी निवेश के खिलाफ 29 अक्टूबर को स्वदेशी महारैली
साफ है कि कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था सबको परेशान कर रही है. देखना महत्वपूर्ण होगा कि संघ परिवार से जुड़े संगठनों की तरफ से सरकार की आर्थिक नीतियों पर उठ रहे इन सवालों से सरकार कैसे निपटती है.
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