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This Article is From Oct 03, 2023

संदिग्‍ध आतंकियों ने की थी बड़े नेताओं के रूट की रेकी, कई शहरों में हमलों की रच रहे थे साजिश 

शाहनवाज ने कई भीड़भाड़ वाले इलाकों की रेकी भी की थी. साथ ही उसने मुंबई, सूरत, बडोदरा, गांधी नगर और अहमदाबाद में वीआईपी और बड़े नेताओं के रूट्स की भी रेकी की थी. वह IED प्लांट कर टारगेट किलिंग की साजिश रच रहा था.

संदिग्‍ध आतंकियों ने की थी बड़े नेताओं के रूट की रेकी, कई शहरों में हमलों की रच रहे थे साजिश 
पुलिस के मुताबिक, शाहनवाज कॉलेज के दौरान ही ISIS की विचारधारा से प्रभावित था.
नई दिल्‍ली :

दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) की स्‍पेशल टीम ने आईएसआईएस के तीन संदिग्‍ध आतंकियों की गिरफ्तारी मामले में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पुलिस ने इस मामले में देश के अलग-अलग शहरों में छापेमारी के बाद ISIS मॉड्यूल का खुलासा किया है. पुलिस ने बताया है कि आईएसआईएस के इस मॉड्यूल के पीछे मास्‍टरमाइंड पाकिस्‍तान है. साथ ही उन्‍होंने बताया कि आतंकी शाहनवाज और उसके साथी देश के कई शहरों में आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे. इस मामले में दिल्‍ली पुलिस ने दिल्‍ली के साथ ही देहरादून, अलीगढ़, मुरादाबाद, लखनऊ और प्रयागराज में छापेमारी की है. 

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी शाहनवाज आलम ने माल ए गनीमत के तौर पर 6 डकैती को अंजाम दिया है. आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए जो अपराध करते है उसे माल ए गनीमत कहा जाता है.  

साथ ही पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भारत से भागने वाले और पाकिस्तान में संरक्षण लेने वाले आतंकियों के जरिये भारत केंद्रित ISIS का एक मुखौटा तैयार किया है.  भगोड़े आतंकियों में फरहतुल्ला गौरी और उसका दामाद शाहिद फैसल है. दोनो गुजरात अक्षरधाम मंदिर आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हैं. माना जा रहा है कि इस नेटवर्क के लिए अपराध और माल ए गनीमत के जरिये पैसा इकट्ठा करने के लिए कहा गया है, जिससे ऐसा लगे कि ये घरेलू और देशी कट्टपंथी नेटवर्क है. 

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार मास्टरमाइंड शाहनवाज आलम नवंबर 2016 में एसएससी की तैयारी करने दिल्ली आया था और अबू फजल एनक्‍लेव में रहने लगा और कॉलेज के दौरान ही ISIS की विचारधारा से प्रभावित हो रहा था. यह विचारधारा उसके सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी नजर आने लगी थी.  

शाहनवाज की मुलाकात 2016 में शाहीन बाग की शाहीन मस्जिद में रिजवान अली से हुई थी और दोनों दोस्त बन गए, जिसके बाद दोनों ISIS की विचारधारा को लेकर बातचीत करने लगे थे. पुलिस ने बताया कि दोनों हिजरत के लिए जाना चाहते थे और इसके लिए इन्‍होंने फंड इकट्ठा करना शुरू कर दिया था. शाहनवाज ने इसके लिए 2019 में हजारीबाग में कई डकैती और चोरी की और वो करीब 8 महीने जेल में भी रहा.  दिसम्बर 2020 में वो जेल से बाहर आया और इसके बाद वो ISIS के विदेशी हैंडलर से बात करने लगा. 

इस बीच रिजवान भी उसी हैंडलर के संपर्क में आया और उसके बाद ये लोग महाबलेश्वर, गोवा, हुबली, सरस्वती वाइल्ड लाइफ एरिया कनार्टक, उडुपी, केरल, वलसाड वाइड लाइफ सेंचुरी, नल्लामाला माउंटेन, चन्दौली और पश्चिमी घाट गए, जहां पर अपना बेस बना पाए और छिपकर रह सके. 

टारगेट किलिंग की साजिश रच रहा शाहनवाज 

शाहनवाज ने कई भीड़भाड़ वाले इलाकों की रेकी भी की थी. साथ ही उसने मुंबई, सूरत, बडोदरा, गांधी नगर और अहमदाबाद में वीआईपी और बड़े नेताओं के रूट्स की भी रेकी की थी. वह IED प्लांट कर टारगेट किलिंग की साजिश रच रहा था. साथ ही उसने पश्चिमी राजस्थान के नक्शे की जांच भी की थी, जिससे वहां IED टेस्टिंग पॉइंट बना सके. 

शाहनवाज ने मार्च 2021 में अलीगढ़ में बसंती पटेल नाम की महिला का धर्म परिवर्तन करवाया और उसका नाम मरियम रख दिया. इसके बाद शाहनवाज ने उसके साथ शादी की. दोनों पति पत्नी ने फैसला किया की अफगानिस्तान में हिजरत में जाने से पहले दिल्ली में रहकर IED बनाए जाएं. IED बनाए जाने के बाद इन्होंने दिल्ली राजस्थान और हल्द्वानी में कई जगह और कई बार IED टेस्ट किए. 

अप्रैल 2022 में वो पहले से गिरफ्तार आरोपी इमरान और यूनुस शाकी से मिले. 18 जुलाई 2023 को यूनुस और शाकी पुणे में एक बाइक चोरी करते हुए पकड़े गए जबकि शाहनवाज फरार हो गया. दिसम्बर 2022 से शाहनवाज और रिजवान दिल्ली में हमले के लिए IED बनाने का काम कर रहे थे. गिरफ्तार मोहम्मद अरशद वारिसी से हुई पूछताछ के मुताबिक, वह 2016 में दिल्ली में एमबीए करने जामिया विश्वविद्यालय आया और जामिया में रहने लगा, यहां वो शहनवाज के संपर्क में आया और यह दोनों मिलकर दिल्ली में हमले करने की फिराक मे थे. 

गिरफ्तार मोहम्मद रिजवान अशरफ से हुई पूछताछ के मुताबिक, उसका जन्म सऊदी अरब के जेद्दाह में हुआ था और वे भी ISIS के उसी हैंडलर के संपर्क में था, जिसके संपर्क में रिजवान और शाहनवाज थे. हैंडलर ने अपनी पहचान सिकंदर बताई. शाहनवाज उर्फ अब्‍दुल्‍लाह उर्फ इब्राहिम उर्फ प्रिंस झारखंड के हजारीबाग का रहने वाला है. वहीं मोहम्‍मद रिजवान अशरफ का परिवार लखनऊ में किराए पर रहता है, जबकि मोहम्‍मद अरशद वारसी मूल रूप से झारखंड का रहने वाला है. हालांकि वो फिलहाल दिल्‍ली के जामिया नगर में रह रहा था.   

संदिग्‍ध आतंकियों के निशाने पर मुंबई का चाबड़ हाउस, अयोध्या का मंदिर, भीड़भाड़ वाले इलाके और फेस्टिव सीजन खास तौर पर निशाने पर था. साथ ही संदिग्‍ध आतंकियों का इरादा वीवीआईपी की टारगेट किलिंग का भी था. 

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आतंकियों के पास से .32 बोर की एक पिस्तौल और 7 जिंदा कारतूस के साथ ही रसायन युक्त प्लास्टिक के डिब्बे, कांच की बोतलें (जिनमें एसिड होता है), छोटे आकार की स्टील की गेंदें, लोहे के पाइप, शल्य चिकित्सा के दस्ताने, विभिन्न रंगों का पाउडर जैसा कच्चा माल, रिमोट की, सजावटी एलईडी लाइट्स, 09 वोल्ट की 02 बैटरी और कनेक्टर, टाइमर घड़ी, पटाखे, मोबाइल फोन, पेन ड्राइव, भारत का मानचित्र जैसी बरामद की गई है. 

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