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This Article is From Jan 17, 2021

कृषि कानून पर समिति के गठन के बाद सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होगी

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पुलिस की ओर से केंद्र सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगा,  जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च या किसी अन्य तरह के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट कृषि कानूनों और दिल्ली की सीमाओं पर किसान के प्रदर्शनों से जुड़ी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा. शीर्ष अदालत गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति के एक सदस्य के अलग कर लेने के मामले पर भी ध्यान दे सकती है.

कोर्ट दिल्ली पुलिस की ओर से केंद्र सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगा,  जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च या किसी अन्य तरह के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने एक अंतरिम आदेश में अगले आदेश तक कृषि कानूनों पर रोक लगा दी थी. साथ ही शिकायतों को सुनने और गतिरोध के समाधान की सिफारिशों के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति में भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान के दक्षिण एशिया के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवत को शामिल किया गया.

कोर्ट ने कहा था कि वह समिति के सुझाव देने के बाद याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, लेकिन न्यायालय के प्रयासों को उस समय झटका लगता प्रतीत हुआ, जब मान ने 14 जनवरी को खुद को समिति से अलग कर लिया था. इस पीठ में न्यायमूर्ति एन नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति विनीत सरन भी शामिल है. यह पीठ समिति से मान के स्वयं को अलग करने और उनकी जगह किसी अन्य को नियुक्त करने जैसे मामलों पर भी विचार कर सकती है.किसान संगठन ‘भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति' ने शनिवार को न्यायालय से आग्रह किया था कि समिति से शेष तीनों सदस्यों को हटाया जाए और ऐसे लोगों को उसमें रखा जाए जो परस्पर सौहार्द के आधार पर काम कर सकें.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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