विज्ञापन
This Article is From Dec 15, 2021

कोविड से मौतों पर मुआवजा: गुजरात सरकार के आंकड़ों पर विवाद मामले में SC का दखल से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नसीहत दी कि  कोविड से हुई मौत के लिए मुआवजे के आवेदन बढ़ते हैं तो बढ़ने दें. सरकार आंकड़ों की चिंता ना करे.

कोविड से मौतों पर मुआवजा:  गुजरात सरकार के आंकड़ों पर विवाद मामले में SC का दखल से इनकार
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

COVID से हुई मौतों पर मुआवजे के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के आंकड़ों में विवाद में मीडिया खबरों पर दखल देने से इनकार किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौतों की रिपोर्टिंग कम हो सकती है या नहीं भी हो सकती है, हम ये नहीं कहेंगे लेकिन 10 हजार मौतें और इतनी बड़ी संख्या में जमा किए गए आवेदनों पर आम आदमी यही सोचेगा. हम इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नसीहत दी कि  कोविड से हुई मौत के लिए मुआवजे के आवेदन बढ़ते हैं तो बढ़ने दें. सरकार आंकड़ों की चिंता ना करे.कल्याणकारी राज्य होने के नाते लोगों को मदद देने में ध्यान लगाएं.अगर कोविड से मौत पर मुआवजे के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ती है तो हम संतुष्ट होकर सो सकते हैं.

दरअसल गुजरात सरकार की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने अदालत में कहा कि मीडिया ने ऐसा बताया जैसे मौतों की कम रिपोर्टिंग हो रही है परन्तु यह सच नहीं है. मुआवजे के लिए कोविड की मौतों की गणना के लिए सामान्य ICMR दिशानिर्देशों की तुलना में कोविड से मौत का मानदंड का दायरा बहुत व्यापक है.पांच दिनों में आंकड़े और भी बढ़ गए हैं. जस्टिस एमआर शाह ने कहा क्योंकि किसी को कोविड हुआ,उसे बाद में दूसरी बीमारी  विकसित हुई तो मौत का कारण फेफड़ों की समस्या या कुछ और बताया जा रहा है.इसलिए हमने कहा कि कोविड के बाद अन्य जटिलताओं से मरने वालों पर भी विचार करने की आवश्यकता है. हम यहां केवल यह देखने के लिए हैं कि सरकारें काम कर रही हैं. कुछ वर्गों को छोड़कर जिनका अपना एजेंडा है, जो इस बात से चिंतित हैं कि रिपोर्टिंग कम हुई या नहीं. हम इससे संबंधित नहीं हैं. हम केवल यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिले.अगर हमारे आदेश से एक लाख या पांच लाख लोगों को मदद मिलती है तो ये हमारे लिए संतुष्टि की बात है.कल्याणकारी राज्य होने के नाते आवेदनों की संख्या बढ़ेगी तो किसी को चिंता नहीं होनी चाहिएये संख्या बढ़ती है तो बढ़ने दें. सुनवाई के दौरान गुजरात की ओर से बताया गया कि 40,467 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से लगभग 23848 का भुगतान किया जा चुका है.26836 आवेदनों को मंजूरी दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को कहा है कि  शेष का भुगतान आज से एक सप्ताह के भीतर किया जाएगा. हम उनके विस्तृत विज्ञापनों से संतुष्ट हैं.लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है. अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी. 

सुनवाई के दौरान जस्टिस एमआर शाह ने गुजरात सरकार से कहा कि आपको 40,000 आवेदन मिले जबकि पंजीकृत मौतें 10,000 थीं? इस पर गुजरात सरकार ने कहा-हां क्योंकि कोविड की मौत के लिए अदालत  परिभाषा मुआवजे के लिए अलग है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि RT-PCR पॉजेटिव होना चाहिए और 30 दिनों के भीतर मौत होनी चाहिए. दरअसल गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था  कि कोविड से अब तक 19 हजार 964 मौतें हुई हैं.पहले का आंकड़ा 10,098 था.सोमवार को पेश किए गए हलफनामे के मुताबिक सरकार को अब तक पीड़ित परिवारों की ओर से पचास हजार रूपए मुआवजा के लिए आवेदन मिले है जिनका आंकड़ा 34,678 है.सरकार ने अब तक 19,964 लोगों को मुआवजा वितरित किया गया है. इस संशोधित आंकड़े से साफ है कम गुजरात में 19964 मौते हुई हैं. हालांकि सरकारी वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के कोविड पॉजेटिव होने के 30 दिनों के भीतर किसी अन्य बीमारी से या खुदकुशी करने को भी कोविड से हुई मौत कहा जाएगा. गुजरात के आंकड़े बढ़ने से देश में कुल मौतों का आंकड़ा दो फीसदी बढ़ गया है. वैसे भी गुजरात सरकार पर कोविड से हुई मौतों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगता रहता है जबकि अब तक पूरे देश में चार लाख 45 हजार मौत कोविड की वजह से हुई हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com