
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई कोर्ट की टिप्पणी पर रोक लगा दी है. मुख्य न्यायधीश गवई ने कहा कि अगर SIT किसी विशेष अधिकारी की नियुक्ति करना चाहती है, तो इसमें क्या गलत है? हाईकोर्ट ने कहा था कि सीबीआई ने तिरुपति लड्डू प्रसादम तैयार करने में इस्तेमाल किए जा रहे "मिलावटी घी" की जांच करते समय शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन किया था.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष निकालना गलत था कि जांच में शामिल एक अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट के 2024 के निर्देशों के तहत गठित SIT के सदस्य के रूप में आधिकारिक तौर पर नामित नहीं किया गया था.
आपको बता दें कि CBI की यह अपील आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश के ख़िलाफ़ है, जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि CBI ने 'मिलावटी घी' से तिरुपति लड्डू प्रसादम तैयार किए जाने के मामले में जाँच करते समय कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया. आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का कहना था कि CBI निदेशक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत जाकर जे वेंकट राव नामक अधिकारी (जो SIT का हिस्सा भी नहीं थे) को जाँच करने की अनुमति दी.
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