
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अभिनेता कमल हासन की फिल्म 'ठग लाइफ' की कर्नाटक में स्क्रीनिंग मामले पर सुनवाई हुई. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया है. कर्नाटक सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की बेंच की तरफ से राज्य सरकार को नोटिस भेजा गया है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि कर्नाटक सरकार पूरी तरह निष्क्रिय है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछे सवाल
सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है उसके अनुसार बड़े पैमाने पर हिंसा को भड़काने की कोशिश हो रही है. साथ ही यह एक तरह से अतिरिक्त-संवैधानिक प्रतिबंध है. थिएटर्स की सुरक्षा भी नहीं की जा रही है और तो और यहां तक कि FIR भी दर्ज नहीं की गई है.फिल्म की रिलीज को लेकर जब स्थिति साफ नहीं हुई तो बेंगलुरु के रहने वाले महेश रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. पहले तो कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि वह सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों गए, कर्नाटक हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? लेकिन लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट 13 जून को मामले की सुनवाई के लिए राजी हो गया.
क्यों हुआ था सारा विवाद
दरअसल, फिल्म के ऑडियो लॉन्च के दौरान अभिनेता कमल हासन ने एक बयान दिया था कि ‘कन्नड़ भाषा तमिल से उत्पन्न हुई है'. इस टिप्पणी ने कर्नाटक में व्यापक विरोध को जन्म दिया. कई संगठनों और भाषा प्रेमियों ने इसे अपमानजनक करार दिया. इसके बाद राज्य में फिल्म की रिलीज को लेकर विरोध शुरू हो गया. वहीं अभिनेता कमल हसन की फिल्म 'द ठग लाइफ' की कर्नाटक मे स्क्रीनिंग के विरोध के खिलाफ दाखिल कर्नाटक थियेटर एसोसिएशन भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है.
कर्नाटक थिएटर एसोसिएशन ने अपनी याचिका में फिल्म की स्क्रीनिंग का विरोध करने वाले ग्रुपों की धमकियों को देखते हुए सिनेमा घरों को सुरक्षा देने की मांग की है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि असमाजिक तत्वों की तरफ से खुलेआम धमकियां मिल रही है कि अगर तमिल फिल्म दिखाई गई तो थियेटरों मे आग लगा दी जाएगी.
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