
सुप्रीम कोर्ट ने बीते कुछ समय में देश के अलग-अलग राज्यों में ईसाइयों पर हुए हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान राज्यों से ऐसे हमलों को लेकर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है. कोर्ट ने जिन राज्यों से रिपोर्ट मांगी है उनमें खास तौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड शामिल हैं. एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि किसी व्यक्ति पर होने वाला ऐसा कोई हमला पूरे समाज पर हमला करने जैसा नहीं है. चुकि ये हमला सावर्जनिक जगहों पर हो रहा है लिहाजा इनकी जांच होनी जरूरी है.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जांच कराने पर यह पाया गया है कि याचिका में जिन मामलों का जिक्र किया है उनमे से अधिकांश मामले झूठे मिले हैं. इस तरह की याचिका में कोर्ट को आदेश नहीं देना चाहिए, नहीं तो इस तरह के कई मामले यूं ही कोर्ट तक आने शुरू हो जाएंगे. तुषार मेहता की बात सुनने के बाद बेंच ने गृह मंत्रालय को राज्यों से रिपोर्ट मांगने के लिए दो महीने का समय दिया है.
अदालत का आदेश नेशनल सॉलिडेरिटी फोरम के रेव डॉ. पीटर मचाडो, इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया के रेव विजयेश लाल और अन्य लोगों द्वारा देश में ईसाई समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा का दावा करने वाली याचिका पर आया था.
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