
सुप्रीम कोर्ट ने धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Dharavi Redevelopment Project) का निर्माण कार्य रोकने से इनकार कर दिया है. साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से मना कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी ग्रुप की दलील मानते हुए कहा कि धारावी प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई की. जिसमें सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया गया था.

CJI बेंच ने रोक लगाने से किया इनकार
इस याचिका में राज्य सरकार द्वारा धारावी रिडेवलपमेंट को अदाणी प्रॉपर्टीज लिमिटेड को देने के फैसले को चुनौती दी गई है. मई 2025 में इस मामले की सुनवाई होगी. इस दौरान याचिकाकर्ता ने फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने की मांग की, लेकिन CJI संजीव खन्ना की बेंच ने इससे इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वहां पर काम शुरू हो गया है और कुछ रेलवे क्वार्टर तोड़े भी गए हैं.

अदाणी ग्रुप ने कोर्ट में क्या कुछ कहा
हालांकि बेंच ने कहा है कि अदाणी ग्रुप सारे भुगतान एक ही एस्क्रो अकाउंट से करेगा. CJI खन्ना ने मौखिक तौर पर कहा कि हम हाईकोर्ट के फैसले से सहमत हैं. ऐसा इसलिए भी क्योंकि यह महसूस किया गया था कि यहां रेलवे लाइन भी विकसित की जाएगी और अनुबंध में शामिल की जाएगी. इस दौरान अदाणी ग्रुप की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि काम पहले ही शुरू हो चुका है, करोड़ों की मशीनें व सामान पहले ही लगाई जा चुकी है. लगभग 2000 लोग कार्यरत हैं और इस तरह के कदम से अपूर्णीय, अपरिवर्तनीय क्षति हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

53,000 घरों का सर्वेक्षण फरवरी में हो चुका है पूरा
एशिया के सबसे बड़े स्लम के रूप में मशहूर मुंबई के धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर तेजी (Dharavi Redevelopment Project) से काम हो रहा है. अदाणी ग्रुप के इस प्रोजेक्ट से पूरे धारावी की सूरत बदल जाएगी. धारावी पुनर्विकास परियोजना ने 53,000 से अधिक घरों का डोर-टू-डोर सर्वेक्षण पूरा कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. जो मुंबई स्लम पुनर्वास प्राधिकरण SRA के इतिहास में सबसे अधिक है.
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