नूंह हिंसा (Nuh violence) के मीडिया कवेरज (Media Coverage) को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई से इनकार किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह मुद्दा हाईकोर्ट और हमारे पास लंबित है, हम और अर्जियों पर सुनवाई नहीं करेंगे. याचिकाकर्ता चाहे तो पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट जा सकते हैं. हम व्यक्तिगत मुद्दों पर विचार करना शुरू कर दें, तो हम पहली नजर वाले न्यायालय बन जाएंगे.
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, हमने इस मामले में कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. हमने कहा है कि किस तरह के निर्देश जारी किए जा सकते हैं. एक मामले में पहले से ही कुछ निर्देश जारी किए गए हैं. जहां तक व्यक्तिगत मामलों का सवाल है, हम हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं, वरना हर कोई इस अदालत में आएगा और हम प्रथम दृष्टया अदालत बन जाएंगे. यदि आपकी कोई व्यक्तिगत शिकायत है, तो पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जाएं, वह पहले ही इस मामले में सुनवाई कर चुका है.
याचिकाकर्ता का कहना था कि यह संवेदनशील मामला है. जस्टिस खन्ना ने कहा, हमें पता है, तभी तो हमने संविधान पीठ को तोड़कर मामले की सुनवाई की थी. हम मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे हैं. हम वर्तमान याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं. हम इसे याचिकाकर्ता पर खुला छोड़ते हैं, वह क्षेत्राधिकार वाले उच्च न्यायालय से संपर्क कर सकते हैं.
दरअसल इस मामले में याचिकाकर्ता हाजिक जमान ने केंद्र के अलावा विभिन्न मीडिया ग्रुपों को भी पक्षकार बनाया था.
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