मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है और तुरंत सरेंडर करने को कहा है. ये फैसला जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने सुनाया है और तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन को मई 2022 में गिरफ्तार किया था. सत्येंद्र जैन 10 महीने से अंतरिम जमानत पर थे. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें अंतरिम जमानत दी थी. हालांकि कोर्ट ने उन पर कई तरह की पाबंदियां भी लगाई थीं.
पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ ही इस मामले मे दूसरे आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका पर भी फैसला आया है. अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई है.
साल 2018 में ED ने इस मामले में सत्येंद्र जैन से पूछताछ की थी. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 22 मई, 2022 में उनकी गिरफ्तारी का विरोध भी किया था. इसके बाद 26 मई, 2023 में सत्येंद्र जैन को खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिल गई थी. तबसे वह इलाज करा रहे हैं.
आप नेता के खिलाफ CBI ने 2017 में FIR प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत फाइल की थी. इस FIR में सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया था. FIR के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग चार कंपनियों के जरिये की गई जो सीधा सत्येंद्र जैन से जुड़ी हैं.
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