सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया फंड मामले को लेकर सभी राज्य सरकारों को जमकर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा कि किसी भी राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ये जानकारी नहीं दी कि अभी तक निर्भया फंड में मिले पैसों का उन्होंने क्या इस्तेमाल किया.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 9 जनवरी को हमनें आदेश देते हुए सभी राज्य सरकारों को कहा था कि वो बताए कि उन्होंने यौन उत्पीड़न की पीड़ित महिलाओं को निर्भया फंड से कितना पैसा दिया और किन-किन पीड़ित महिलाओं को पैसा दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या राज्य सरकार इस ने इस मामले में कोई जवाब दाखिल नहीं किया? ऐसे में हम ये अनुमान क्यों न लगाएं कि राज्य सरकारें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर न ही चिंतित है और न ही गंभीर है.
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सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को चार हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट निपुण सक्सेना की याचिका पर सुनवाई कर रहा ह. जिसमें राज्य सरकारों पर आरोप लगाया गया है कि निर्भया फंड का पैसा यौन उत्पीड़न महिलाओं में नहीं इस्तेमाल की जा रही हैं.
मामले की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश सरकार द्वारा रेप पीडिता को मुआवजे के तौर पर 6500 रुपये देने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि क्या आपकी नजर में रेप की कीमत 6500 रुपये है ? क्या ये सही है ? इसकी तारीफ होनी चाहिए ? आपको केंद्र से ज्यादा फंड मिलता है और हलफनामे के मुताबिक आपने 1951 पीड़ितों को सिर्फ एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया. आपके मुआवजे की राशि 6000- 6500 रुपये रही. ये असंवेदनशीलता है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 24 राज्यों व संघों ने निर्भया फंड को लेकर हलफनामा दाखिल नहीं किया.
VIDEO: निर्भया फंड का क्या हुआ?
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 9 जनवरी को हमनें आदेश देते हुए सभी राज्य सरकारों को कहा था कि वो बताए कि उन्होंने यौन उत्पीड़न की पीड़ित महिलाओं को निर्भया फंड से कितना पैसा दिया और किन-किन पीड़ित महिलाओं को पैसा दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या राज्य सरकार इस ने इस मामले में कोई जवाब दाखिल नहीं किया? ऐसे में हम ये अनुमान क्यों न लगाएं कि राज्य सरकारें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर न ही चिंतित है और न ही गंभीर है.
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सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को चार हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट निपुण सक्सेना की याचिका पर सुनवाई कर रहा ह. जिसमें राज्य सरकारों पर आरोप लगाया गया है कि निर्भया फंड का पैसा यौन उत्पीड़न महिलाओं में नहीं इस्तेमाल की जा रही हैं.
मामले की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश सरकार द्वारा रेप पीडिता को मुआवजे के तौर पर 6500 रुपये देने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि क्या आपकी नजर में रेप की कीमत 6500 रुपये है ? क्या ये सही है ? इसकी तारीफ होनी चाहिए ? आपको केंद्र से ज्यादा फंड मिलता है और हलफनामे के मुताबिक आपने 1951 पीड़ितों को सिर्फ एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया. आपके मुआवजे की राशि 6000- 6500 रुपये रही. ये असंवेदनशीलता है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 24 राज्यों व संघों ने निर्भया फंड को लेकर हलफनामा दाखिल नहीं किया.
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