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This Article is From May 08, 2017

950 करोड़ का चारा घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से लालू यादव को झटका, चलेगा आपराधिक साजिश का केस

950 करोड रुपये के चारा घोटाला मामले में आरजेडी प्रमुख लालू यादव और अन्य पर से आपराधिक साजिश और अन्य धाराएं हटाये जाने के खिलाफ CBI की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में लालू  यादव पर इस मामले में आपराधिक साजिश का केस चलाने की इजाजत दे दी है.

950 करोड़ का चारा घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से लालू यादव को झटका, चलेगा आपराधिक साजिश का केस
चारा घोटाले में लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से झटका
पटना: 950 करोड रुपये के चारा घोटाला मामले में आरजेडी प्रमुख लालू यादव और अन्य पर से आपराधिक साजिश और अन्य धाराएं हटाये जाने के खिलाफ CBI की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में लालू  यादव पर इस मामले में आपराधिक साजिश का केस चलाने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने 9 महीनों में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ये भी तय कर दिया कि चारा घोटाले से जुडे अलग अलग मामले चलते रहेंगे. इस मामले में लालू यादव समेत 45 अन्य नेताओं पर केस चलेंगे.

लालू यादव की ओर से राम जेठमलानी  पेश हुए थे और केस खारिज करने की मांग की थी. उन्होंने सीबीआई की दलील को खारिज कर दिया था. वहीं कोर्ट ने सीबीआई को भी मामले में देरी करने पर फटकार लगाई. साथ ही झारखंड हाईकोर्ट को भी कानून के तय नियमों का पालन नहीं करने पर लताड़ लगाई.

दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट ने नवंबर 2014 में लालू को राहत देते हुए उन पर लगे घोटाले की साजिश रचने और  IPC 420ठगी, 409  क्रिमिनल ब्रीच आफ ट्रस्ट और प्रिवेंशन आफ करप्शन के आरोप हटा दिए थे. हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि एक ही अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दो बार सजा नहीं दी जा सकती है. हालांकि हाईकोर्ट ने फैसले में यह भी कहा गया कि लालू यादव के खिलाफ आईपीसी की दो अन्य धाराओं के तहत मुकदमा जारी रहेगा.इस फैसले के आठ महीने बाद सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी.सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव की तरफ राम जेठमलानी ने कहा कि सभी मामलों में आरोप एक जैसे है इसलिए मामले को लेकर दर्ज किये गए अलग अलग केसों को सुनने की जरूरत नहीं.

वही सीबीआई की तरफ से SG रंजीत कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद के खिलाफ 6 अलग अलग मामले दर्ज हैं जिनमें से 1 मामले में वो दोषी करार दिए गए है और मामला हाई कोर्ट में लंबित है. सीबीआई की तरफ से रंजीत कुमार ने ये भी कहा कि सभी मामलों में साल, रिश्वत की रकम और ट्रांजेक्शन अलग अलग है इस लिए सभी मामलों को एक जैसा नहीं देखा जा सकता.

चारा घोटाला मामले में आरजेडी प्रमुख लालू यादव और अन्य पर से कुछ धाराएं हटाये जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट नेसुनवाई कर 20 अप्रैल को आदेश सुरक्षित रख लिया था.करीब950 करोड़ के चारा घोटाले के आरसी/20ए/96केस में लालू प्रसाद यादव के अलावा बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र, जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपी हैं। इस सभी पर चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप है.चारा घोटाला 1990 से लेकर 1997 के बीच बिहार के पशुपालन विभाग में अलग-अलग जिलों में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के गबन से जुड़ा है. इस दौरान लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे.

सीबीआई ने अपनी हालिया अपील में हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें लालू प्रसाद यादव के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में केवल दो धाराओं के तहत सुनवाई को मंजूरी दी गई थी, जबकि अन्य आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि एक अपराध के लिए किसी व्यक्ति का दो बार ट्रायल नहीं हो सकता. झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि भारतीय दंड संहिता की धारा-201(अपराध के साक्ष्य मिटाना और गलत सूचना देना ) और धारा-511 (ऐसा अपराध करने की कोशिश करना, जिसमें आजीवन कारावास या कारावास की सजा सकती है ) के तहत लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मामले की सुनवाई चलती रहेगी.

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