हिंडनबर्ग केस: OCCRP रिपोर्ट और प्रशांत भूषण के NGO का है कनेक्शन?

Hindenburg Case: सुनवाई के दौरान सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने मीडिया में छपी खबरों का भी जिक्र किया, तो कोर्ट ने कहा, "हम एक संवैधानिक बॉडी को यह नहीं कह सकते कि अख़बार में छपी ख़बर को ही सच मान लिया जाए...

हिंडनबर्ग केस: OCCRP रिपोर्ट और प्रशांत भूषण के NGO का है कनेक्शन?

खास बातें

  • अदाणी ग्रुप ने सभी आरोपों का किया था खारिज
  • 19 मई को SC कमेटी ने सार्वजनिक की थी रिपोर्ट
  • सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से मांगी लिखित दलीलें
नई दिल्ली:

हिंडनबर्ग केस (Hindenburg Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सभी पक्षों से सोमवार तक लिखित में दलीलें मांगी हैं. कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने निवेशकों के हितों के प्रति चिंता जाहिर की और यह भी कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को सच नहीं मानना चाहिए. इस मामले में ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) रिपोर्ट भी खारिज कर दी गई है.

याचिकाकर्ता की तरफ से खड़े हुए प्रशांत भूषण ने अपनी दलीलें पेश करते हुए OCCRP की जिस रिपोर्ट का जिक्र किया. मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने इस पर कहा कि हमने OCCRP से रिपोर्ट की जानकारी मांगी, तो OCCRP ने इनकार किया. OCCRP ने प्रशांत भूषण से जुड़े एक NGO से बात करने को कहा, जो हितों का टकराव दिखाता है.

SEBI की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि OCCRP रिपोर्ट विदेशी एनजीओ की है. हमें रिपोर्ट भेजी गई, लेकिन डिटेल नहीं दी गई... तो मैंने सुझाव दिया है कि इसका जवाब नहीं देंगे... ऐसी रिपोर्ट पर काम करने लगे, तो एक्सपर्ट कमेटी का काम ही बेकार हो जाएगा..."ऐसी रिपोर्ट पर काम करने लगे, तो हमारी एजेंसियों का क्या मतलब. सॉलिसिटर जनरल ने कहा, "ये नया ट्रेंड है, विदेश में खबर छपवाइए और भारतीय नीतियों को प्रभावित कीजिए."

कैसे मानें, मीडिया ने सही रिपोर्ट छापी : SC ने किया सवाल
सुनवाई के दौरान सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने मीडिया में छपी खबरों का भी जिक्र किया, तो कोर्ट ने कहा, "हम एक संवैधानिक बॉडी को यह नहीं कह सकते कि अख़बार में छपी ख़बर को ही सच मान लिया जाए... हालांकि हम फाइनेंशियल टाइम्स (FT), गार्जियन या किसी अन्य मीडिया की रिपोर्ट के लिए यह नहीं कह रहे हैं कि वे गलत हैं..."

24 जनवरी 2023 को अमेरिका की शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप पर आरोप लगाए गए थे. इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी. इसके अलावा मार्केट रेगुलेटर SEBI को भी जांच करने के लिए कहा था. हालांकि, इस केस में SEBI अभी तक अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई है.

24 में से 22 जांच पूरी-SG
SEBI की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता  ने कोर्ट में कहा, "हम जांच के लिए और टाइम नहीं मांग रहे है. 25 अगस्त को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. 24 में से 22 जांच पूरी हो चुकी हैं. दो मामलों में विदेशों से जानकारी मांगी गई है और वो हमारे नियंत्रण में नहीं है. दो मामलों को छोड़कर कोर्ट ने दो जांच पूरी करने को कहा था, जो हमने पूरा किया है."

इसपर CJI डीवाई चंड्रचूड़ ने कहा - "हमने दखल दिया था. निवेशकों के हितों को बचाने के लिए और शार्ट सेलिंग के लिए सेबी क्या करने वाला है? क्या सेबी को शार्ट सेलिंग को लेकर कुछ गलत मिला है?" इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "हम जहां भी कुछ पा रहे हैं, वहां कार्रवाई कर रहे हैं."

बता दें कि अदाणी ग्रुप कह चुका है कि ये सारा खेल शॉर्ट सेलरों का है, उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से मुनाफाखोरी की. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात को गंभीरता से लिया है, शॉर्ट सेलरों की जांच की जाए और आगे ऐसी व्यवस्था की जाए कि छोटे निवेशकों को नुकसान न हो.

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