सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को तेजाब बिक्री को नियंत्रित करने के लिए नियम निर्धारित करने हेतु चार माह की अतिरिक्त मोहलत दे दी है।
वकील अर्पणा भट ने कोर्ट को बताया कि बिहार, जम्मू एवं कश्मीर तथा पुडुचेरी के अलावा किसी भी अन्य राज्य या केंद्र शासित क्षेत्र ने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित आदर्श नियमों के आधार पर तेजाब बिक्री को नियंत्रित करने के नियम नहीं बनाए हैं। वकील के इस तर्क के बाद न्यायमूर्ति आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ ने चार महीने की अतिरिक्त मोहलत दे दी।
हरियाणा सरकार की तेजाब हमले के पीड़ितों की मुफ्त चिकित्सा और पुनर्वास की नीति की योजना के बारे में भी न्यायालय ने सभी राज्यों से प्रतिक्रिया मांगी है।
न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस योजना की प्रतियां सभी राज्यों और केंद्र सरकारों के मुख्य सचिवों को भेजने के लिए कहा।
आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि अन्य कोई भी राज्य पीड़ितों को मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध करा रहा हो तो उसकी नीतियों की प्रतियां भी साथ में भेजी जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई, 2013 को सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित क्षेत्रों को तीन माह के भीतर तेजाब बिक्री के लिए नियम बनाने को कहा था।
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