सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को आदेश दिया कि गुरूग्राम के एक स्कूल में मारे गए दूसरी कक्षा के छात्र प्रिंस के मामले में आरोपी भोलू के खिलाफ बालिग के तौर पर केस चलाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने बचाव पक्ष की अर्जी खारिज करते हुए यह आदेश जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी भोलू की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, सत्र न्यायालय और पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. याचिका में हाईकोर्ट के बालिग के तौर पर केस चलाने के फैसले को चुनौती दी गई थी.
क्या है पूरा मामला?
भोलू पर आरोप है कि करीब छह साल पहले 8 सितंबर 2017 को गुरुग्राम के एक निजी स्कूल के बाथरूम में उसने कक्षा-2 के छात्र प्रिंस की हत्या कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी किसी भी याचिका पर विचार करने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया. कहा कि आरोपी को वयस्क के रूप में ट्रायल का सामना करना होगा.
दरअसल आठ सितंबर 2017 को एक निजी स्कूल के छात्र प्रिंस (अदालत द्वारा दिया गया नाम) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में भोलू (अदालत द्वारा दिया गया नाम) आरोपी है. इस मामले में पिछले साल 17 अक्टूबर को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने भी अपने आदेश में भोलू को बालिग मानकर केस चलाने के आदेश दे दिए थे. इसके बाद सेशन कोर्ट ने भी आरोपी भोलू पर बालिग मानकर केस चलाने का फैसला सुनाया था.
मनोचिकित्सक की राय के आधार पर कोर्ट ने लिया था फैसला
जेजे बोर्ड ने पिछले साल 27 जुलाई को तीनों पक्षों को सुनने के बाद बोर्ड के पैनल में शामिल मनोचिकित्सक को मामले में अपनी राय देने को कहा था. लेकिन बाद में पीजीआई रोहतक से तीन मनोचिकित्सकों ने रिपोर्ट पेश की थी जिसके बाद आरोपी को बालिग मानकर केस चलाने का फैसला लिया गया था. इसके खिलाफ बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
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