सुप्रीम कोर्ट ने अदालत परिसर में गोलीबारी और जजों-वकीलों पर हमले की घटनाओं पर जताई चिंता

2021 में सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद में जज  उत्तम आनंद की हत्या के मामले में कोर्ट संज्ञान कार्यवाही लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कड़ी फटकार लगाते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने अदालत परिसर में गोलीबारी और जजों-वकीलों पर हमले की घटनाओं पर जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने अदालत परिसरों में सुरक्षा को लेकर सभी हाईकोर्ट से 10 अक्तूबर तक एक्शन रिपोर्ट मांगी.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने अदालत परिसरों में गोलीबारी, जजों, वकीलों पर हमले की घटनाओं को लेकर सख्ती दिखाई है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल की गोलीबारी की घटनाओं पर चिंता जताई है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अदालत परिसरों में सुरक्षा को लेकर सभी हाईकोर्ट से 10 अक्तूबर तक एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी. कोर्ट ने कहा कि हम मामले का निपटारा नहीं करेंगे. अगली तारीख 12 अक्टूबर को मामले पर सुनवाई होगा.

कोर्ट ने कहा यह विस्तृत दिशानिर्देशों वाला फैसला अपलोड किया जाएगा. हमने विभिन्न हाईकोर्ट से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के आधार पर कुछ निर्देश जारी किए हैं. हमने अदालत परिसरों के अंदर गोलीबारी की हालिया घटनाओं पर भी विचार किया है. हम मामले को लंबित रख रहे हैं. हमने 10 अक्टूबर तक प्रारंभिक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है

गौरतलब है कि 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद में जज  उत्तम आनंद की हत्या के मामले में कोर्ट संज्ञान कार्यवाही लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कड़ी फटकार लगाते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था. इतना ही नहीं, जजों के मामले में शिकायतों पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों से नाराजगी भी जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने  को धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत पर स्वत: संज्ञान मामले में सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि जांच एजेंसी बिल्कुल भी न्यायपालिका की मदद नहीं कर रही है.

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28 जुलाई 2021 की सुबह जज उत्तम आनंद की मॉर्निंग वॉक के दौरान अज्ञात वाहन के चपेट में आने से मौत हो गई, मगर सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद इसमें साजिश की आशंका जताई गई. इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी और कहा कि जब हाई-प्रोफाइल लोगों के पक्ष में अनुकूल आदेश पारित नहीं किए जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में न्यायपालिका को बदनाम करने का एक नया चलन हो गया है. आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और सीबीआई न्यायपालिका की बिल्कुल भी मदद नहीं कर रहे हैं.