सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिरला समूह की दो कंपनियों में निदेशक के रूप में हर्षवर्धन लोढ़ा की पुनर्नियुक्ति को चुनौती देते हुए दायर याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला कलकत्ता हाईकोर्ट में सिंगल जज के पास है और वो एक महीने में क्षेत्राधिकार पर फैसला करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो हाईकोर्ट के फैसले में दखल नहीं देगा और अंतरिम राहत पर भी हाईकोर्ट ही फैसला देगा. इस मामले को लेकर बिड़ला परिवार की तरफ से शीर्ष अदालत में चुनौती दी गयी थी.
परिवार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है कि समूह की कंपनियों विंध्य टेललिंक और बिड़ला केबल में निदेशक के रूप में लोढ़ा की पुनर्नियुक्ति की अनुमति दी है. हालांकि लोढ़ा रोटेशन से इन पदों से सेवानिवृत्त हुए हैं. पिछले हफ्ते एक प्रस्ताव में इन दोनों कंपनियों की वार्षिक आम बैठक ( AGM) पारित हुईं और इनमें कहा गया कि लोढ़ा दोनों फर्मों में लाभ से संबंधित कमीशन के हकदार है.प्रियंवदा बिड़ला की वसीहत की वैधता के कानूनी विवाद में संपत्ति को लेकर चार्टर्ड अकाउंटेंट आर.एस. लोढ़ा और उनके बेटे हर्षवर्धन लोढ़ा के मामले में पीठ ने ने प्रोबेट अदालत से अपील की था कि वह अपीलकर्ता MP बिरला समूह की कंपनियों की याचिका पर सुनवाई करे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं