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This Article is From Dec 02, 2020

पूछताछ के सभी कमरों और लॉकअप में ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ सीसीटीवी लगाए जाएं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, एनआईए,प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो,डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस और सीरियस फ्रॉड इनवेस्टीगेशन ऑफिस में भी ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के निर्देश दिए

पूछताछ के सभी कमरों और लॉकअप में ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ सीसीटीवी लगाए जाएं: सुप्रीम कोर्ट
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज अहम निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई( CBI), एनआईए (NIA),प्रवर्तन निदेशालय ( ED), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB),डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) और सीरियस फ्रॉड इनवेस्टीगेशन ऑफिस (SFIO) के कार्यालयों में ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ सीसीटीवी कैमरों की स्थापना हो. सभी राज्यों को पुलिस स्टेशनों (Police Stations) में भी ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये कैमरे पुलिस स्टेशन के प्रवेश और निकास बिंदु, लॉक अप, कॉरिडोर, लॉबी, रिसेप्शन एरिया, सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर के कमरे, थाने के बाहर, वॉशरूम के बाहर स्थापित किए जाने चाहिए. इन रिकॉर्डिंगों को 18 महीने तक रखना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने से संबंधित एक मामले में आदेश जारी किया है. जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की एक बेंच ने 45 दिनों से अधिक के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने और एकत्रित करने के सवाल पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ ने शुक्रवार तक वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे, एमिकस क्यूरी को एक व्यापक नोट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. 

साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ती हिरासत यातना के मामले से निपटने के लिए देश के हर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था. पंजाब में पुलिस की ज्यादती की एक घटना के बाद इस मामले को पुनर्जीवित किया गया था. इसके साथ ही एक रिपोर्ट पेश करने के लिए दवे को एमिकस के रूप में नियुक्त करते हुए आदेश दिया कि वे अटॉर्नी-जनरल केके वेणुगोपाल के साथ मिलकर देखें कि क्या कदम उठाया जा सकता है. सुनवाई में दवे ने न्यायालय में प्रस्तुत किया कि 15 राज्यों ने शीर्ष अदालत द्वारा जारी नोटिस का जवाब दिया था और निर्देशों के अनुपालन पर शपथ पत्र प्रस्तुत किया. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये निर्देश अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों में हैं. अदालत द्वारा दिए गए आदेशों के बाद ढाई साल तक कुछ भी पर्याप्त नहीं किया गया है. छह सप्ताह के भीतर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के लिए समय सीमा  के साथ राज्य कार्ययोजना दाखिल करें. राज्यों को सीसीटीवी प्रणाली के लिए धन आवंटित करना चाहिए. प्रत्येक पुलिस स्टेशन का एसएचओ सीसीटीवी के काम, रिकॉर्डिंग और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक जिले में मानवाधिकार न्यायालयों की स्थापना का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि हिरासत में यातना की कोई भी शिकायत इन न्यायालयों द्वारा सुनी जानी चाहिए. शीर्ष अदालत ने कहा कि सीसीटीवी सिस्टम के कामकाज की देखरेख के लिए दो प्रकार के पैनल का गठन किया जाएगा. राज्य स्तरीय पैनल में गृह सचिव, डीजीपी, राज्य महिला आयोग होंगे. जिला मजिस्ट्रेट एसपी, आदि जिला स्तरीय पैनल में होंगे. 

सीसीटीवी की स्थापना, निगरानी और सीसीटीवी की खरीद के लिए राज्य स्तरीय पैनल होगा. जिला स्तरीय पैनल की जिम्मेदारी सीसीटीवी की निगरानी, ​​और एसएचओ के साथ बातचीत करने, फुटेज की समीक्षा करने और मानव अधिकारों के उल्लंघन की जांच करने के लिए है. इस मामले में  27 जनवरी, 2021 को अगली सुनवाई होगी.

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