सुप्रीम कोर्ट ने पराली (Stubble Burning) से होने वाले प्रदूषण (Pollution) को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई सोमवार को टाल दी. शीर्ष न्यायालय (Supreme Court) ने अगले हफ्ते तक के लिए सुनवाई टाली है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण संबंधी सुनवाई के दौरान 'नरसिम्हा राव या नरसिम्हा?' पर सुप्रीम कोर्ट में दिलचस्प बहस हुई.
दरअसल, सीजेआई एस ए बोबडे की पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा बहस कर रहे थे. तभी अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस करना चाहा और कहा कि श्री नरसिम्हा राव, मुझे बात करने दें. इस पर नरसिम्हा ने आपत्ति जताई और मुस्कुराते हुए कहा, "मिस्टर सिंघवी, यहां कोई राव नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बोबडे ने हस्तक्षेप किया और कहा, "नरसिम्हा की पहचान में विलय होने पर आपत्ति है". तब अभिषेक मनु सिंघवी मुस्कुराए और खुद को ठीक किया.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि वह भविष्य में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए क्या योजना बना रही है, इसपर विस्तृत रिपोर्ट सौंपे. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए लाए अध्यादेश के संबंध में यह सवाल किया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोबड़े (S.A Bobde) ने सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इसको लेकर एक विस्तृत योजना कोर्ट को सौंपने के लिए कहा था.
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