जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच ने 2020 में कथित नफरत फैलाने वाले भाषणों के लिए बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका को जस्टिस के एम जोसेफ की बेंच को भेजा है. CPI ( M) बृंदा करात की ओर याचिका दायर की गई है. बेंच ने कहा कि इस याचिका पर वही बेंच सुनवाई करे जिसके समक्ष इसी तरह के मामले लंबित हैं. सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से पूछा कि क्या इसी तरह के मुद्दों पर शीर्ष अदालत के समक्ष पहले से ही कोई मामला लंबित है. याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि जस्टिस केएम जोसेफ की अगुवाई वाली पीठ हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. पीठ ने कहा कि यह बेहतर होगा कि मामला उसी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए.
दरअसल पिछले साल अक्टूबर में, जस्टिस केएम जोसेफ की अगुवाई वाली एक पीठ ने आदेश दिया था कि धर्म संसद के कार्यक्रमों में हेट स्पीच की घटनाओं पर पुलिस स्वत: संज्ञान कार्रवाई करे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने इन दोनों नेताओं के ऊपर कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के मामले में FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. बृंदा करातने शाहीन बाग में चल रहे CAA विरोधी प्रदर्शन को लेकर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया था और दोनों बीजेपी नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की थी. लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने वृंदा करात की याचिका को खारिज कर दिया था.
हाईकोर्ट का कहना था कि हालांकि रिट याचिका सुनवाई योग्य है, लेकिन - कानून की स्थापित स्थिति के साथ-साथ एक प्रभावी वैकल्पिक उपाय के अस्तित्व पर न्यायिक फैसलों को देखते हुए उस पर विचार नहीं किया जा सकता था. कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं के वकील दंड प्रक्रिया संहिता के तहत निर्धारित तंत्र का पालन करने में विफल रहे.
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