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जिस SIR पर चला सुप्रीम कोर्ट में चला संग्राम, आज उसी मामले में वकील ही गायब

राजनीतिक दलों के अन्य नेताओं की ओर से दाखिल मामलों पर भी कोई वकील नहीं दिखा. शुरुआत में प्रशांत भूषण ही चुनाव आयोग पर आरोप लगाते दिखे.

जिस SIR पर चला सुप्रीम कोर्ट में चला संग्राम, आज उसी मामले में वकील ही गायब
  • सुप्रीम कोर्ट में बिहार SIR मामले की सुनवाई में प्रमुख वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी उपस्थित नहीं रहे
  • सुनवाई दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर शुरू होकर लगभग 40 मिनट तक चली, जिसमें गहमागहमी कम देखी गई
  • राजनीतिक दलों के अन्य नेताओं की ओर से दाखिल मामलों के पक्ष में इस सुनवाई में कोई वकील मौजूद नहीं था
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सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार SIR मुद्दे पर फिर सुनवाई हुई. लेकिन खास बात ये रही कि पूरी सुनवाई के दौरान जिरह में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले दिग्गज वकील ही सुनवाई से गायब रहे. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जायमॉल्या बागची की पीठ में वो गहमागहमी नहीं दिखी जो इस केस में पिछले कुछ समय से दिखती थी. 

कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी नहीं रहे मौजूद

पूरी सुनवाई के दौरान बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले वकील कपिल सिब्बल से लेकर अभिषेक मनु सिंघवी तक इस दौरान नहीं दिखे. इस पूरी सुनवाई के दौरान अपनी बात रखने वाले योगेंद्र यादव भी इस बार नदारद दिखे.

इस रोचक सुनवाई की शुरुआत दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर हुई. सुनवाई करीब 40 मिनट चली. इस दिलचस्प सुनवाई में इस बार राजनीतिक दलों के अन्य नेताओं की ओर से दाखिल मामलों पर भी कोई वकील नहीं दिखा. शुरुआत में प्रशांत भूषण ही चुनाव आयोग पर आरोप लगाते दिखे. दूसरी तरफ चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी उल्टे भूषण और याचिकाकर्ता पर अदालत को गुमराह करने और झूठा डेटा देने के आरोप लगाते रहे.

सुनवाई के दौरान नहीं दिखाई दी गहमागहमी

कोर्ट में 12.50 से शुरु हुई ये सुनवाई 1.30 बजे तक चली. लेकिन जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जायमॉल्या बागची की पीठ वाले कोर्ट रूम दो में वो गहमागहमी नहीं दिखी जो इस केस में हमेशा होती थी. सुनवाई में बढ़- चढकर हिस्सा लेने वाले ना तो कपिल सिब्बल दिखे ना ही अभिषेक मनु सिंघवी.

राजनीतिक दलों के अन्य नेताओं की ओर से दाखिल मामलों पर भी कोई वकील नहीं दिखा. शुरुआत में प्रशांत भूषण ही चुनाव आयोग पर आरोप लगाते दिखे. वहीं चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी उलटे प्रशांत भूषण और याचिकाकर्ताओं पर अदालत को गुमराह करने और झूठा डेटा देने के आरोप लगाते रहे.

गोपाल शंकरनारायणन ने उठाया अहम मुद्दा

आखिरी में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने एक अहम मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि, "जो राजनीतिक दल हमारी बहस का नेतृत्व कर रहे थे, वे अब चुनाव आते ही गायब हो गए हैं. जब हमने शुरुआत की थी, तब SIR के खिलाफ वकीलों की एक क्रिकेट टीम थी, अब वे गायब हो गए हैं." 

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