आईआईटी की परीक्षा में सफल हुए छात्र धनंजय, सुजित,प्रेम,श्रवण
18 साल के धनंजय कुमार ने कड़ी मेहनत के बल पर आईआईटी की परीक्षा में कामयाबी हासिल की थी।
इस सफलता में बहुत बड़ा हाथ पटना के सुपर 30 कोचिंग इंस्टीट्यूट का है जो 30 गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने के लिए जाना जाता है। लेकिन धनंजय का संघर्ष यहीं खत्म नहीं होता।
धनंजय का परिवार समस्तिपुर के छोटे से गांव में रहता है जहां उसके माता-पिता मजूदरी करके करीब तीन हजार रुपए से महीने भर का खर्च चलाते हैं। सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने वाले धनंजय को एक चाय की दुकान से सुपर 30 कोचिंग के बारे में पता चला। पटना पहुंचने के लिए कुछ पैसे बचाकर धनंजय ने आनंद से मुलाकात की जो सुपर 30 कोचिंग चलाते हैं। इसके बाद वो आईआईटी की परीक्षा में बैठे और फिर क्या हुआ ये सब जानते हैं।
अब कहानी में ट्विस्ट ये है कि आईआईटी खड़गपुर में इलेक्ट्रिकल की पढ़ाई करने के लिए धनंजय को काउंसलिंग और सीट की फीस देनी होगी जो कि 45 हजार रुपए है। धनंजय ने बताया "बैंक मुझे तभी लोन देगा जब मैं उन्हें एडमिशन लेटर दिखाऊंगा। लेकिन ये बाद में होगा। फिलहाल तो मुझे काउंसलिंग के लिए 45000 रुपए चाहिये क्योंकि वो इस महीने की 12 तारीख तक ही है।"
सिर्फ धनंजय ही नहीं माधेपुर के सुजीत कुमार, नालंदा के प्रेम पाल और सासाराम के श्रवण की भी यही हालत है। इनके सबके माता-पिता भी मजदूरी ही करते हैं और इन्हें भी पैसे जुटाने में भारी दिक्कत हो रही है।
सुपर 30 के संचालक आनंद कुमार ने बताया कि आईआईटी जैसे संस्थानों में पढ़ने के लिए गरीब बच्चों को सरकार के सहयोग की बहुत जरुरत है। कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे ताकि गरीब परिवेश से आने वाले बच्चों के लिए राह आसान हो सके जैसे काउंसलिंग फीस को माफ करना होगा। बैंक तो एडमिशन के बाद ही लोन देता है।
अगर आप भी इनकी मदद करना चाहते हैं तो आनंद कुमार को ई-मेल करें "mail@super30.org"
इस सफलता में बहुत बड़ा हाथ पटना के सुपर 30 कोचिंग इंस्टीट्यूट का है जो 30 गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने के लिए जाना जाता है। लेकिन धनंजय का संघर्ष यहीं खत्म नहीं होता।
धनंजय का परिवार समस्तिपुर के छोटे से गांव में रहता है जहां उसके माता-पिता मजूदरी करके करीब तीन हजार रुपए से महीने भर का खर्च चलाते हैं। सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने वाले धनंजय को एक चाय की दुकान से सुपर 30 कोचिंग के बारे में पता चला। पटना पहुंचने के लिए कुछ पैसे बचाकर धनंजय ने आनंद से मुलाकात की जो सुपर 30 कोचिंग चलाते हैं। इसके बाद वो आईआईटी की परीक्षा में बैठे और फिर क्या हुआ ये सब जानते हैं।
अब कहानी में ट्विस्ट ये है कि आईआईटी खड़गपुर में इलेक्ट्रिकल की पढ़ाई करने के लिए धनंजय को काउंसलिंग और सीट की फीस देनी होगी जो कि 45 हजार रुपए है। धनंजय ने बताया "बैंक मुझे तभी लोन देगा जब मैं उन्हें एडमिशन लेटर दिखाऊंगा। लेकिन ये बाद में होगा। फिलहाल तो मुझे काउंसलिंग के लिए 45000 रुपए चाहिये क्योंकि वो इस महीने की 12 तारीख तक ही है।"
सिर्फ धनंजय ही नहीं माधेपुर के सुजीत कुमार, नालंदा के प्रेम पाल और सासाराम के श्रवण की भी यही हालत है। इनके सबके माता-पिता भी मजदूरी ही करते हैं और इन्हें भी पैसे जुटाने में भारी दिक्कत हो रही है।
सुपर 30 के संचालक आनंद कुमार ने बताया कि आईआईटी जैसे संस्थानों में पढ़ने के लिए गरीब बच्चों को सरकार के सहयोग की बहुत जरुरत है। कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे ताकि गरीब परिवेश से आने वाले बच्चों के लिए राह आसान हो सके जैसे काउंसलिंग फीस को माफ करना होगा। बैंक तो एडमिशन के बाद ही लोन देता है।
अगर आप भी इनकी मदद करना चाहते हैं तो आनंद कुमार को ई-मेल करें "mail@super30.org"