कांग्रेस वैसे नेताओं को बख्शने के मूड में नहीं हैं, जो पार्टी की विचारधारा से हटकर कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं. इसी को आज कांग्रेस अनुशासन समिति की बैठक हुई. बैठक में पंजाब के कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ और केरल के कांग्रेस नेता के वी थॉमस के पार्टी विरोधी गतिविधियों पर चर्चा हुई. बता दें कि इन दोनों नेताओं पर आरोप है कि पार्टी की ओर से जारी निर्देशों का इन्होंने पालन नहीं किया.
वहीं पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अपने खिलाफ कार्रवाई पर फैसला करने के लिए कांग्रेस अनुशासन समिति की बैठक से ठीक पहले मंगलवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि जिनके पास अभी भी जमीर है, उन्हें दंडित किया जाएगा. बता दें कि कांग्रेस अनुशासन समिति ने 11 अप्रैल को जाखड़ को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था और एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा था.
हालांकि, जाखड़ ने समिति को जवाब नहीं देने का फैसला किया. जाखड़ ने एक ट्वीट में कहा, “आज, सर कलम होंगे उनके, जिनमें अभी जमीर बाकी है. (आज जमीर वालों का सिर कलम किया जाएगा). (जावेद अख्तर साहब से माफी मांगता हूं).”
आज, सर कलम होंगे उनके
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) April 26, 2022
जिनमें अभी ज़मीर बाकी है !*
*(My apologies to Javed Akhtar Saheb)
जाखड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना की थी और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) से कांग्रेस की हार के बाद उन्हें पार्टी के लिए एक बोझ करार दिया था. पूर्वी मंत्री राजकुमार वरका सहित कुछ पार्टी नेताओं ने जाखड़ पर एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में चन्नी और अनुसूचित जाति समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए उन पर कार्रवाई करने की मांग की थी.
हालांकि, जाखड़ ने इन आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था और उसका गलत मतलब निकाला गया था. कांग्रेस नेता ने यह भी कहा था कि अगर कोई उनके बयान से आहत हुआ है तो वह इस पर खेद जताते हैं.
जाखड़ ने इससे पहले तब खलबली मचा दी थी, जब उन्होंने पिछले साल अमरिंदर सिंह के अचानक हटने के बाद दावा किया था कि पंजाब के 42 विधायक उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और केवल दो चन्नी के समर्थन में हैं. अमरिंदर के हटने के बाद जाखड़ मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे. हालांकि, उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं तब कम हो गई थीं, जब पार्टी नेता अंबिका सोनी ने कहा था कि कांग्रेस को किसी सिख चेहरे के साथ जाना चाहिए.
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