सेल्फी विद डॉटर' पहल के पुरोधा सुनील जागलान ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने को लेकर करीब आठ साल पहले हरियाणा के एक छोटे-से गांव से शुरू हुआ यह अभियान धीरे-धीरे सफलता की कहानी बन गया. जींद में बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच जागलान ने जून 2015 में अपने गांव से यह अभियान शुरू किया था. उनकी इस पहल की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी तारीफ की थी तथा उन्होंने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात' में भी इसका जिक्र किया था.
इस अभियान के तहत जागलान ने लोगों से अपनी बेटियों से साथ तस्वीर खींचने तथा उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने का अनुरोध किया था. बाद में उन्होंने इस पहल के लिए समर्पित एक वेबसाइट बनायी जहां लोग अपनी बेटियों के साथ सेल्फी साझा कर सकते हैं. जागलान ने कहा, ‘‘मुझे यह बताते हुए खुशी होती है कि ‘सेल्फी विद डॉटर' अभियान शुरू हुए आठ साल हो गए हैं और यह सफल रहा है. इस अभियान को दुनिया के विभिन्न हिस्सों से काफी समर्थन मिला है.''
अपने पैतृक जिले जींद के बारे में उन्होंने कहा कि यह हरियाणा के उन जिलों में से एक था जहां लिंगानुपात बेहद खराब था लेकिन अब चीजें बदल गयी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस अभियान का मेरे अपने जिले तथा कुछ अन्य स्थानों पर भी सकारात्मक असर पड़ा तथा इससे लड़कियों को लेकर लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने में मदद मिली.'' दो बेटियों के पिता जागलान पिछले कई वर्षों से महिला सशक्तीकरण और गांव के विकास के लिए काम कर रहे हैं. हालांकि, उनका मुख्य ध्यान कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगाने पर ही है.
जागलान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनवरी 2015 में पानीपत से चलाए गए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान ने उन्हें प्रेरित किया तथा वह कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे सरकार के प्रयासों को बढ़ावा मिले. पिछले महीने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात रहा हरियाणा अब हर लड़की के जन्म पर जश्न मनाता है और अभी राज्य में हर 1,000 लड़कों पर 923 लड़कियों का अनुपात है.
‘मन की बात' की विभिन्न कड़ियों में जागलान का जिक्र किया गया है. उन्होंने कहा कि इस सप्ताह वह इस कार्यक्रम की 100वीं कड़ी का जश्न मनाने के लिए प्रसार भारती द्वारा दिल्ली में आयोजित कई कार्यक्रम में शामिल हुए. ‘मन की बात' की 100वीं कड़ी का रविवार को प्रसारण किया जाएगा. जागलान ने कहा, ‘‘पिछले आठ साल के दौरान हमें 80 देशों से सेल्फी मिली. इनमें से कई सेल्फी सिनेमा, खेल और राजनीतिक जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी पोस्ट की हैं.''
अपनी अन्य पहलों के बारे में उन्होंने बताया कि बीबीपुर पंचायत ने पहले ‘डिजीटल इंडिया विद लाडो' अभियान चलाया था जिसका मकसद घरों की नाम पट्टिका पर परिवार के मुखिया के बजाय उनकी बेटियों का नाम लिखना था. जागलान ने कहा कि उनके घर के बाहर भी उनकी बड़ी बेटी नंदिनी के नाम की पट्टिका लगी हुई है. उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्होंने अपनी पहली बेटी के जन्म पर जश्न मनाया था और मिठाइयां बांटी थी तो गांव में हर किसी को लगा था कि उनके बेटा हुआ है.
जागलान ने 2012 में अपने गांव में महिला उन्मुख खाप पंचायत ‘‘लाडो पंचायत'' का आयोजन किया था जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया था तथा कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अपनी आवाज उठायी थी.
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