विधायक सोमदत्त ने दोनों बार चुनावों में आयोग को परिवार के बारे में गलत जानकारी दी थी
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी (आप) विधायक सोम दत्त को 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान निर्वाचन आयोग को गलत जानकारी देने के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी के तौर पर समन भेजा है.
मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने कहा कि पहली नजर में यह साफ है कि सदर बाजार क्षेत्र से विधायक के अभिभावक उन पर आश्रित हैं, लेकिन उन्होंने यह जानकारी छुपाई और रिटर्निंग अफसर को दी गई जानकारी में उनकी संपत्ति का विवरण देने में भी नाकाम रहे.
बता दें कि वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव से पूर्व विधायक ने अपने हलफनामे में केवल पत्नी प्रतिभा, बेटे पंकज को ही खुद पर निर्भर बताया था. चुनाव जीतने के बाद दिल्ली सरकार कर्मचारी स्वास्थ्य स्कीम के तहत 11 फरवरी, 2014 को बनवाए गए अपने मेडिकल कार्ड में उन्होंने पिता राम कुमार और मां कृष्णा देवी का नाम भी जुड़वा दिया. बीजेपी के एक नेता ने सोमदत्त के खिलाफ यह मामला दर्ज कराया था.
अदालत ने सोम दत्त को दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कथित तौर पर गलत जानकारी देने, शपथ में गलत बयान देने और लोक सेवक के तौर पर शपथ में गलत जानकारी देने के कथित अपराध में समन भेजा है. इसके अलावा उन पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत गलत हलफनामा देने का भी आरोप है. अदालत ने उन्हें 13 अक्टूबर को उसके समक्ष पेश होने को कहा है.
(इनपुट भाषा से भी)
मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने कहा कि पहली नजर में यह साफ है कि सदर बाजार क्षेत्र से विधायक के अभिभावक उन पर आश्रित हैं, लेकिन उन्होंने यह जानकारी छुपाई और रिटर्निंग अफसर को दी गई जानकारी में उनकी संपत्ति का विवरण देने में भी नाकाम रहे.
बता दें कि वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव से पूर्व विधायक ने अपने हलफनामे में केवल पत्नी प्रतिभा, बेटे पंकज को ही खुद पर निर्भर बताया था. चुनाव जीतने के बाद दिल्ली सरकार कर्मचारी स्वास्थ्य स्कीम के तहत 11 फरवरी, 2014 को बनवाए गए अपने मेडिकल कार्ड में उन्होंने पिता राम कुमार और मां कृष्णा देवी का नाम भी जुड़वा दिया. बीजेपी के एक नेता ने सोमदत्त के खिलाफ यह मामला दर्ज कराया था.
अदालत ने सोम दत्त को दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कथित तौर पर गलत जानकारी देने, शपथ में गलत बयान देने और लोक सेवक के तौर पर शपथ में गलत जानकारी देने के कथित अपराध में समन भेजा है. इसके अलावा उन पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत गलत हलफनामा देने का भी आरोप है. अदालत ने उन्हें 13 अक्टूबर को उसके समक्ष पेश होने को कहा है.
(इनपुट भाषा से भी)
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