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सुकमा में नक्सलियों के हमले में 25 शहीद
नक्सलियों ने घात लगाकर किया हमला
सोमवार दोपहर करीब 12 बजे की घटना
दरअसल सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के 99 जवान दुर्गापाल कैंप से रवाना हुए. चिंतागुफा पहुंचने के बाद ये जवान दो ग्रुपों में बंट गए. इनको सड़क निर्माण प्रोजेक्ट के लिए रास्ते की कांबिंग का काम सौंपा गया था. इस दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने स्थानीय गांववालों को लोकेशन का पता लगाने के लिए भेजा. एक बार पुख्ता लोकेशन चलने के बाद उन्होंने चिंतागुफा-बुर्कापाल-भेजी इलाके के पास घात लगाकर हमला किया. उससे पहले नक्सली छोटे-छोटे समूहों में बंट गए. छोटे दलों में विभाजित होने के बाद उन्होंने सोमवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे हमला किया. इसके तहत सबसे पहले एक आईईडी ब्लास्ट किया गया. उसके बाद नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. माना जा रहा है कि नक्सलियों ने हमले में AK-47 हथियारों का इस्तेमाल किया.
इसलिए बौखलाए हैं नक्सली
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- नक्सली विकासकार्यों से बौखलाए हुए हैं. सड़क अगर खुलती है तो सुविधाएं अंदर जाती है, जिससे लोगों का उनमें विश्वास कम होता है. इससे उनके नेटवर्क पर असर पड़ता है. छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, बंगाल और मध्य प्रदेश के नक्सलियों के प्रभाव वाले 44 जिलों में 5,412 किमी सड़क निर्माण परियोजना को मंजूरी दी गई है. निर्माणकार्यों से ये नक्सली खतरा महसूस करते हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्री के मुताबिक- नक्सलवाद विकास विरोधी है और लोकतांत्रिक समाज में इसका कोई स्थान नहीं है. दोषियों को सजा दिलाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे.
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