कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सड़क से संसद तक केंद्र सरकार को घेरा जा रहा है. अब इस मामले पर शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केंद्र सरकार डिक्टेटरशिप दिखा रही है. विपक्ष की आवाज संसद के अंदर और बाहर कुचली जा रही है. हम मांग करते हैं कि नए कृषि कानून वापस लिए जाएं और उसके बाद संसद में इस मसले पर चर्चा हो. जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेती, हम लोकसभा में इसकी मांग उठाते रहेंगे. उन्होंने साथ ही कहा कि पेगासस स्पाइवेयर मसला एक साजिश है. यह संविधान के खिलाफ है. हम इसके खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे.
विपक्ष ने बैठक करके बनाई रणनीति
विपक्ष ने सरकार को संसद में घेरने के लिए रणनीति बनाई है. मल्लिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में कई दलों के नेताओं ने आज बैठक की, जिसमें कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए. हालांकि इस बैठक में टीएमसी ने हिस्सा नहीं लिया.
केंद्रीय मंत्री ने लगाया विपक्ष पर आरोप
वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जनता को संसद सत्र का इंतज़ार रहता है ताकि उनके मुद्दे संसद में उठें. हमने आज 18 प्रश्नों के उत्तर दिए. कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने हंगामा किया. मर्यादा तोड़ी. पीएम कह चुके हैं कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं तो फिर विपक्ष चर्चा से क्यों भाग रहा है? क्या विपक्ष के पास चर्चा के लिए पर्याप्त विषय नहीं है? क्या विपक्ष भारत को दुनिया भर में बदनाम करने की कोशिश कर रहा है? मंत्री सदन में बयानेॉ देने लगता है को उसके हाथ से कागज छीन कर फाड़ दिया जाता है. मैं राहुल गांधी और सोनिया जी से पूछना चाहता हूं कि क्या नेहरू जी, इंदिराजी के समय विपक्ष की ऐसी भूमिका थी? हम चर्चा का स्वागत करते हैं लेकिन ऐसी घटनाओं की हम निंदा करते हैं.
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