विज्ञापन
This Article is From Jul 03, 2012

‘छात्र के पाठ्यक्रम छोड़ने पर संस्थान फीस रोक कर नहीं रख सकता’

राष्ट्रीय राजधानी के एक उपभोक्ता फोरम ने कहा है कि यदि कोई छात्र कक्षा किए बगैर किसी पाठ्यक्रम को छोड़ देता है तो शैक्षणिक संस्थान छात्र की ट्यूशन फीस रोक कर नहीं रख सकता है।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के एक उपभोक्ता फोरम ने कहा है कि यदि कोई छात्र कक्षा किए बगैर किसी पाठ्यक्रम को छोड़ देता है तो शैक्षणिक संस्थान छात्र की ट्यूशन फीस रोक कर नहीं रख सकता है।

फोरम ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) से एक छात्र को फीस वापस करने का आदेश देते हुए यह बात कही।

पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने कहा, ‘‘फोरम का और दिल्ली राज्य आयोग का यह मानना है कि अगर संस्थान ने ट्यूशन प्रदान नहीं किया है या, छात्र ने कक्षा नहीं की है तो संस्थान को ट्यूशन फीस रोक कर रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। वह सिर्फ उतनी ही राशि घटाने का हकदार है जितनी कि नामांकन की प्रक्रिया में खर्च हुई हो।’’

एनए जैदी की अध्यक्षता में फोरम ने यह आदेश जारी किया। दरअसल, शहर के बाशिंदे राजेश अग्रवाल ने शिकायत की थी कि उन्होंने अपनी बेटी के दाखिले के लिए निफ्ट में ट्यूशन फीस के तौर पर 51, 750 रुपये जमा किया था। हालांकि वह (उनकी बेटी) कक्षा में शामिल होने में सक्षम नहीं थी और उसने संस्थान छोड़ दिया था। अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि निफ्ट ने उन्हें सिर्फ 25,000 रुपये वापस किए।

फोरम ने इस बात का जिक्र किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोई संस्थान सिर्फ नामांकन प्रक्रिया में खर्च हुई प्रतीक स्वरूप राशि के रूप में 1,000 रुपये की कटौती कर सकता है और ट्यूशन फीस नहीं रख सकता है। फोरम ने 25,750 रुपये लौटाने को कहा।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Student, Leave The Course, Fees, Institution, छात्र, पाठ्यक्रम छोड़ने पर, संस्थान, फीस
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com