प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती ( Sardar Vallabhbhai Patel) पर मंगलवार को गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue Of Unity) पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता के लिए लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिबद्धता आज भी सभी का मार्गदर्शन करती है और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एक भारत, श्रेष्ठ भारत का प्रतीक है.
- इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले पर होने वाला आयोजन, 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्यपथ पर परेड और 31 अक्टूबर को ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के सानिध्य में मां नर्मदा के तट पर राष्ट्रीय एकता दिवस का ये मुख्य कार्यक्रम, राष्ट्र उत्थान की त्रिशक्ति बन गए हैं. सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है.
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का, 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है. सरदार पटेल को समर्पित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को किया था. यह 182 मीटर की ऊंचाई वाली दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.
- पीएम मोदी ने कहा कि एकता नगर में आने वालों को सिर्फ इस भव्य प्रतिमा के ही दर्शन नहीं होते, बल्कि उसे सरदार साहब के जीवन, त्याग और एक भारत के निर्माण में उनके योगदान की झलक भी मिलती है. इस प्रतिमा की निर्माण गाथा में ही 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना का प्रतिबिंब है.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में ‘राष्ट्रीय एकता दिवस' कार्यक्रम में कहा कि देश के लिए अगले 25 वर्ष बेहद महत्वपूर्ण हैं. हमें अगले 25 वर्ष में भारत को विकसित देश बनाना है. हमें विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश की एकता को बनाए रखने का प्रयास एक पल भी नहीं छोड़ना है. एक कदम भी पीछे नहीं रहना है. हम जिस भी क्षेत्र में हैं, हमें उसमें अपना शत-प्रतिशत देना है.
- पीएम मोदी ने कहा, "आज देश भर में लाखों लोग 'रन फॉर यूनिटी' में हिस्सा ले रहे हैं. लाखों लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए आज के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं.
- कुछ बड़े बदलावों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है. गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है. IPC की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है. इंडिया गेट पर जहां कभी विदेशी सत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा थी, वहां अब नेताजी सुभाष की प्रतिमा हमें प्रेरणा दे रही है. अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है. हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं.
- तुष्टिकरण की राजनीति का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की एकता के रास्ते में हमारी विकास यात्रा में सबसे बड़ी रुकावट है- तुष्टिकरण की राजनीति. भारत के बीते कई दशक साक्षी हैं कि तुष्टिकरण करने वालों को आतंकवाद, उसकी भयानकता, विकरालता कभी दिखाई नहीं देती. तुष्टिकरण करने वालों को मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े होने में संकोच नहीं हो रहा है. वो आतंकी गतिविधियों की जांच में कोताही करते हैं, वो देशविरोधी तत्वों पर सख्ती करने से बचते हैं. तुष्टिकरण की ये सोच इतनी खतरनाक है कि वो आतंकियों को बचाने के लिए अदालत तक पहुंच जाती है. ऐसी सोच से किसी समाज या देश का भला नहीं हो सकता.
- एकता नगर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संकल्प से सिद्धि का एक बहुत बड़ा उदाहरण हमारा ये एकता नगर भी है. आज एकता नगर की पहचान ग्लोबल ग्रीन सिटी (Global Green City) के तौर पर हो रही है. यही वो शहर है जहां से दुनिया भर के देशों का ध्यान खींचने वाले मिशन लाइफ (Mission Life) की शुरुआत हुई थी. यहां का एकता मॉल, एकता नर्सरी, आरोग्य वन, जंगल सफारी आदि पर्यटकों को बहुत आकर्षित कर रहे हैं. पिछले 6 महीने में ही यहां 1.50 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं. आज यहां एक special heritage train का नया आकर्षण भी जुड़ने जा रहा है.
- गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने साल 2013 में स्टैचू ऑफ यूनिटी का शिलान्यास किया था और पीएम बनने के बाद साल 2018 में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' को देश को समर्पित किया था. तकरीबन 2989 करोड़ में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बनकर तैयार हुई, जहां पर अब तक 1.53 करोड़ पर्यटक आ चुके हैं. इस प्रतिमा के बाद स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए साथ ही गुजरात और देश के पर्यटकों को एक नया पर्यटन स्थल भी.
- पीएम मोदी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 148वीं जयंती पर एक्स पर एक पोस्ट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, "सरदार पटेल की जयंती पर, हम उनकी अदम्य भावना, दूरदर्शी नेतृत्व और असाधारण समर्पण को याद करते हैं जिससे उन्होंने हमारे राष्ट्र के भाग्य को आकार दिया. राष्ट्रीय एकता के लिए उनकी प्रतिबद्धता आज भी हमारा मार्गदर्शन करती है. हम हमेशा उनकी ऋणी रहेंगे."
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