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This Article is From Apr 06, 2020

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत हर ज़रूरतमंद को मिलने वाले अनाज के लिए राज्य सरकारें नहीं कर रही पहल

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अगले 3  महीने हर ज़रूरतमंद तक 5 किलो चावल या गेहूं और एक किलो दाल मुफ्त में पहुंचाने के लिए राज्यों को जल्द पहल करनी चाहिए.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत हर ज़रूरतमंद को मिलने वाले अनाज के लिए राज्य सरकारें नहीं कर रही पहल
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत हर ज़रूरतमंद को मिलने वाले अनाज के लिए राज्य सरकारें पहल नहीं कर रही हैं.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अगले 3  महीने हर ज़रूरतमंद तक 5 किलो चावल या गेहूं और एक किलो दाल मुफ्त में पहुंचाने के लिए राज्यों को जल्द पहल करनी चाहिए. खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने एक बयान जारी कर राज्यों से जल्दी एफसीआई से अपने-अपने कोटे का अनाज उठाने करने का आग्रह किया है. बता दें कि वित्त मंत्री ने 26 मार्च को प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अगले 3  महीने हर ज़रूरतमंद तक 5 किलो चावल या गेहूं और एक किलो दाल मुफ्त में आवंटित करने का ऐलान किया था. लेकिन इस ऐलान के दस दिन हो चुके हैं और अभी तक सभी राज्य सरकारों ने मुफ्त में वितरण के लिए खाद्य मंत्रालय ने जो अनाज आवंटित किया उसे उठाया नहीं किया है. खाद्य मंत्रालय के मुताबिक 4 अप्रैल तक 37 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से 22 ने एफसीआई से अपने कोटे का अनाज लिफ्ट ही नहीं किया है.

अप्रैल महीने के लिए फ़ूड मिनिस्ट्री ने 40,47,593 मेट्रिक टन अनाज का अतिरिक्त स्टॉक आवंटित किया है लेकिन 4 अप्रैल 2020 तक कुल 4,54,071 मीट्रिक टन अनाज ही राज्यों ने उठाया  है यानी करीब 11%. उधर किसान लॉकडाऊन के दौरान अपनी फसल उत्पाद घरों-गोदामों से ही बेच सकें इसके लिए केंद्र सरकार ने मंडी जाकर फसल उत्पाद बेचने की मौजूदा व्यवस्था में राहत देने का फैसला किया है.

 कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि अगले तीन महीने किसान अपना फसल उत्पाद बेचने के लिए मंडियों तक लाने की जगह अपने-अपने गोदामों से सीधे बेच सकें इसके लिए ज़रूरी पहल की जाए. किसान इसके लिए इनाम प्लेटफार्म का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. मंडियों तक जाने की अनिवार्यता इस दौरान नहीं होनी चाहिए.

चाहे मामला गरीब ज़रूरतमंदों तक मुफ्त में अनाज पहुंचाने का हो या सिर्फ कटाई या बुआई के लिए किसानों तक ज़रूरी सुविधाएं पहुंचाने का इनको लेकर भारत सरकार ने जो बड़े फैसले किये हैं उन्हें ज़मीन पर लागू करने के लिए राज्य सरकारों को तत्परता से पहल करनी होगी जिससे इस मुश्किल दौर में लोगों तक बुनियदी सुविधाएं पहुंचाई जा सकें.

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