आर्थिक मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ब्लैक मनी पर तैयार तीन वित्तीय रिसर्च संस्थाओं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंसियल मैनेजमेंट और NCAER की तीन अलग-अलग रिपोर्ट सार्वजनिक करें. संसद भवन परिसर में स्थायी समिति की एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया.
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि गुरुवार को वित्तीय मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में राजस्व सचिव और सीबीडीटी के चेयरमैन पेश हुए और ब्लैक मनी के मसले पर समिति के सदस्यों के सामने तीनों वित्तीय रिसर्च संस्थाओं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंसियल मैनेजमेंट और NCAER की रिपोर्टों में दी गई जानकारी साझा की.
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स्थायी समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने एनडीटीवी को बताया कि वित्तीय रिसर्च संस्थाओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था में ब्लैक मनी कितनी है, इस अहम मसले पर अलग-अलग आकलन पेश किए हैं. एक संस्थान ने आकलन किया है कि भारत में काला धन टोटल मनी सर्कुलेशन का दो प्रतिशत है. जबकि एक दूसरे वित्तीय रिसर्च संस्थान ने आकलन किया है कि काला धन टोटल मनी सर्कुलेशन का 12 फीसदी तक हो सकता है.
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अब स्थायी समिति के चेयरमैन वीरप्पा मोइली ने तय किया है कि समिति ब्लैक मनी पर एक विस्तृत रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को पेश करेगी.
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