श्रीलंका भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है. ऐसे समय में भारत उसकी मदद के लिए आगे आया है. इस पर श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने भारत को एक "बड़ा भाई" कहते हुए मदद भेजने के कार्य की सराहना की है. बता दें कि भारत की ओर से 24 घंटों में श्रीलंका में 76 हजार टन ईंधन भेजा गया है. श्रीलंका का आर्थिक संकट कितना गहरा चुका है, इसका अंदाजा इसी बात से लगायाा जा सकता है कि वहां ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी लाइनें लग रही हैं. पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल के लिए लोग कई घंटों तक इंतजार करने के लिए मजबूर है. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है और और घंटों की बिजली कटौती से जनता तंग आ चुकी है.
भारत की मदद को लेकर जयसूर्या ने कहा कि एक पड़ोसी और हमारे देश के बड़े भाई के रूप में भारत ने हमेशा हमारी मदद की है. हम भारत सरकार और पीएम मोदी के आभारी हैं. हमारे लिए वर्तमान परिदृश्य के कारण इस हालात में जीवन बिताना आसान नहीं है. भारत और अन्य देशों की मदद से हम इस संकट से बाहर आने की उम्मीद करते हैं.
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श्रीलंका भोजन और ईंधन की कमी की वजह से देशभर में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं. कोरोना महामारी ने पहले ही काम-धंधा चौपट कर दिया है. इस वजह से श्रीलंका को विदेशी मुद्रा की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसने संयोगवश, खाद्य और ईंधन आयात करने की उसकी क्षमता को प्रभावित किया है, जिससे देश में लंबे वक्त तक बिजली कटौती हुई है.
श्रीलंका के राष्ट्रीय नेत्र अस्पताल के निदेशक ने दवा उपलब्ध कराने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया है. नेशनल आई हॉस्पिटल कोलंबो की निदेशक डॉ दममिका ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि हमारी अधिकांश दवाएं भारतीय क्रेडिट लाइन के तहत भारत से आ रही हैं, और निकट भविष्य में और आपूर्ति हमारे पास आएगी. यह हमारे लिए एक बड़ी मदद है. मैं समर्थन के लिए भारत को धन्यवाद देता हूं.
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