स्पाइसजेट (SpiceJet) के करीब 150 कर्मचारियों ने बकाया का भुगतान न होने की शिकायत करते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर काम बंद कर दिया हालांकि एयरलाइन कंपनी ने कहा है कि स्टाफ के एक वर्ग से जुड़े मामले को अब सुलझा लिया गया है और संचालन का काम प्रभावित नहीं हुआ.एयरलाइन की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'स्पाइस जेट कर्मचारियों ने एक वर्ग से जुड़े मामले को सुलझा लिया गया है और कर्मचारी काम पर लौट आए हैं. 'यह मामला ऐसे समय आया है जब एयरलाइन के एक पूर्व पायलट ने उड्डयन नियामक डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को लिखे लेटर में दावा किया है कि एयरलाइन सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर रही है और वेतन में कटौती को लेकर भारी दबाव में हैं.
DGCA ने इस लेटर को स्वीकार करते हुए कहा है कि वह सुरक्षा उल्लंघनों संबंधी लेटर में उठाए गए मुद्दों पर गौर करेगा. कैप्टन विनोद लोगानाथन की ओर से लिखे गए इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान स्पाइसजेट ने अपने फायदे के लिए कार्गो को एयरक्राफ्ट की सीलिंग तक भरना शुरू कर दिया जो कि DGCA की गाइडलाइंस का साफ तौर पर उल्लंघन है. कैप्टन लोगानाथन अब एयरलाइन कंपनी को छोड़ चुके हैं.
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एयरलाइन स्टाफ के सैलरी मामले का जिक्र करते हुए कैप्टन लोगानाथन ने लिखा था, 'पायलट, क्रू, इंजीनियर और ग्राउंड स्टाफ वित्तीय तनाव से गुजर रहे हैं क्योंकि स्पाइसजेट के प्रमोटर द्वारा एक वर्ष से अधिक समय से उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है. ऐसे में पायलट, फ्लाइट को संचालित करने की सही मनस्थिति में नहीं हैं. ' पूर्व कैप्टन की ओर से लिखा गया यह दूसरा ई-मेल है. स्पाइसजेट ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पायलट असंतुष्ट था. कंपनी की ओर से कहा गया है कि पायलट को तब तक कोई शिकायत नहीं थी जब तक उसे वेतन-भत्तों का लाभ मिल रहा था.एयरलाइन में सुरक्षा से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं है और किसी भी मानक का उल्लंघन नहीं किया गया .