केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा किए गए ठोस उपायों से कृषि क्षेत्र को व्यापक फायदा होगा. आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड सहित कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए दिए गए डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक के विशेष पैकेज तथा दस हजार एफपीओ बनाने की स्कीम जैसे उपाय किसानों का जीवनस्तर बदल देंगे. तोमर ने यह बात भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सोसायटी की 92वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री श्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) से नयी शिक्षा नीति (NEP) की मदद से कृषि क्षेत्र को अधिक रोजगारोन्मुख बनाने को कहा है. आईसीएआर की स्थापना 1929 में हुई थी. यह देश के कृषि क्षेत्र में शोध एवं शिक्षा में संयोजन, निर्देशन और प्रबंधन का शीर्ष निकाय है. 101 आईसीएआर संस्थानों और 71 कृषि विश्वविद्यालयों के जरिये यह कृषि पाठ्यक्रमों की पेशकश करती है. आईसीएआर ने कृषि शिक्षा को एनईपी के अनुरूप बनाने के तरीके सुझाने को छह सदस्यीय समिति का गठन किया है.
आईसीएआर की 92वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए तोमर ने परिषद और कृषि विश्वविद्यालयों के योगदान पर जोर दिया. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र को नई शिक्षा नीति की मदद से अधिक रोजगारोन्मुख बनाने की जरूरत है.
कृषि वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में परिषद ने विभिन्न जरूरी खाद्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि के जरिये अपनी उपयोगिता को दिखाया.
(इनपुट भाषा से भी)
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