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2025 में धान, मूंग, उड़द की बुवाई पिछले साल के मुकाबले ज्यादा: कृषि मंत्रालय

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फसल कटाई के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली, जिसके अनुसार 4 अप्रैल 2025 तक पूरे देश में रबी की बुआई क्षेत्र के 58.71% हिस्से की कटाई की जा चुकी है.

2025 में धान, मूंग, उड़द की बुवाई पिछले साल के मुकाबले ज्यादा: कृषि मंत्रालय

कृषि मंत्रालय के अनुसार, ग्रीष्मकाल में धान की बुवाई में पिछले वर्ष की तुलना में 4.65 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज समग्र कृषि क्षेत्र की प्रगति के संबंध में दिल्ली में साप्ताहिक समीक्षा बैठक की. 

बैठक में बताया गया कि ग्रीष्मकालीन बुवाई के मौसम के लिए 9 अप्रैल 2025 तक धान की बुवाई में पिछले वर्ष की तुलना में 4.65 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 27.33 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31.98 लाख हेक्टेयर हो गई है. मूंग और उड़द के रकबे में भी क्रमशः 1.65 लाख हेक्टेयर और 0.61 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है. 

गेहूं के लिए प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार हैं, जिनमें कटाई की स्थिति बेहतर है. आज की तारीख में सभी राज्यों में फसल लगभग परिपक्वता चरण को पार कर चुकी है. 

4 अप्रैल 2025 तक की स्थिति के अनुसार, पिछले वर्ष इसी अवधि में ग्रीष्मकालीन फसलों के अंतर्गत बोए गए 52.40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में 60.22 लाख हेक्टेयर है. इसमें से इस वर्ष चावल के अंतर्गत बोया गया क्षेत्र पिछले वर्ष बोए गए 27.33 लाख हेक्टेयर की तुलना में 31.98 लाख हेक्टेयर (4.65 लाख हेक्टेयर की वृद्धि)है. 

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फसल कटाई के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली, जिसके अनुसार 4 अप्रैल 2025 तक पूरे देश में रबी की बुआई क्षेत्र के 58.71% हिस्से की कटाई की जा चुकी है. रबी फसल 2024-25 के तहत दलहनों का लगभग 91% क्षेत्र मुख्यतः लथीरस (96%), उड़द (94%), कुलथी (90%), मूंग (89%); श्री अन्न एवं मोटे अनाजों का 69.40% क्षेत्र मुख्यतः ज्वार 95%; तिलहन का 87.02% क्षेत्र, मुख्यतः रेपसीड और सरसों 90%; गेहूं का 38% और चावल के 32.93% क्षेत्र की कटाई की जा चुकी है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को खाद-बीज आदि आदानों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाना चाहिए, जिस पर बैठक में सभी उर्वरक की स्थिति पर्याप्त बताई गई.
 

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a press release)

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