विज्ञापन
This Article is From Jul 02, 2019

रायबरेली रेल कोच फैक्टरी सहित रेलवे की कई संपत्तियों के 'निगमीकरण' के खिलाफ सोनिया गांधी ने संसद में उठाई आवाज

गौरतलब है कि ‘मेक इन इंडिया’ नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है. मोदी ने हाल ही में लोकसभा में अपने संबोधन में कांग्रेस पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा था कि मेक इन इंडिया का मजाक उड़ाकर कुछ लोगों को भले ही रात को अच्छी नींद आ जाए लेकिन इससे देश का भला नहीं हो पाएगा.

रायबरेली रेल कोच फैक्टरी सहित रेलवे की कई संपत्तियों के 'निगमीकरण' के खिलाफ सोनिया गांधी ने संसद में उठाई आवाज
यूपीएअध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को सरकार पर रेलवे की ‘‘बहुमूल्य संपत्तियों को निजी क्षेत्र के चंद हाथों को कौड़ियों के दाम पर बेचने'' का आरोप लगाया और इस बात पर अफसोस जताया कि सरकार ने निगमीकरण के प्रयोग के लिए रायबरेली के माडर्न कोच कारखाने जैसी एक बेहद कामायाब परियोजना को चुना है. उन्होंने निगमीकरण को निजीकरण की शुरुआत करार दिया. सोनिया गांधी ने लोकसभा में शून्यकाल में इस विषय को उठाया और कहा कि सरकार एक योजना के तहत उनके संसदीय क्षेत्र रायबरेली के मॉडर्न कोच कारखाने समेत रेलवे की कुछ उत्पादन इकाइयों का निगमीकरण करने जा रही है जो इन इकाइयों के निजीकरण की शुरुआत है.

रेलवे की नई समय सारिणी आज से लागू, जानिए कितनी गाड़ियों की टाइमिंग में हुआ बदलाव

उन्होंने कहा, ‘‘जो निगमीकरण का असली मायने नहीं जानते, उन्हें मैं बताना चाहती हूं कि यह दरअसल निजीकरण की शुरुआत है. यह देश की बहुमूल्य संपत्तियों को निजी क्षेत्र के चंद हाथों को कौड़ियों के दाम पर बेचने की प्रक्रिया है.'' गांधी ने कहा कि इससे हजारों लोग बेरोजगार हो जाते हैं. संप्रग अध्यक्ष ने कहा, ‘‘असली चिंता तो इस बात की है सरकार ने इस प्रयोग के लिए रायबरेली के मॉडर्न कोच कारखाने को चुना है जो कई कामयाब परियोजनाओं में से एक है. जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में तत्कालीन संप्रग सरकार ने देश के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यानी ‘मेक इन इंडिया' के लिए शुरू किया था.''

स्पीड और सुरक्षा के नाम पर रेलवे निजीकरण की ओर, 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें

गौरतलब है कि ‘मेक इन इंडिया' नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है. मोदी ने हाल ही में लोकसभा में अपने संबोधन में कांग्रेस पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा था कि मेक इन इंडिया का मजाक उड़ाकर कुछ लोगों को भले ही रात को अच्छी नींद आ जाए लेकिन इससे देश का भला नहीं हो पाएगा. उन्होंने साथ ही यह भी सवाल किया था कि क्या किसी ने चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का नाम लिया. बहरहाल आज सोनिया गांधी ने शून्यकाल में ‘मेक इन इंडिया' शब्द का भी उल्लेख किया और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का भी जिक्र किया.

अधीर रंजन चौधरी ने PM से पूछा, आप सोनिया-राहुल को 'चोर' कहते हुए सत्ता में आए तो अब वे संसद में कैसे बैठे हैं

सोनिया गांधी ने कहा कि इस कारखाने में आज बुनियादी क्षमता से ज्यादा उत्पादन होता है. यह भारतीय रेलवे का सबसे आधुनिक कारखाना है. सबसे अच्छी इकाइयों में से एक है। सबसे बेहतर और सस्ते कोच बनाने के लिए मशहूर है. गांधी ने कहा कि दुख की बात है कि इस कारखाने में काम करने वाले 2000 से अधिक मजदूरों और कर्मचारियों और उनके परिवारों का भविष्य संकट में है. उन्होंने कहा कि किसी के लिए भी समझना मुश्किल है कि क्यों यह सरकार ऐसी औद्योगिक इकाई का निगमीकरण करना चाहती है. गांधी ने कहा कि इस सरकार ने संसद में अलग से रेल बजट पेश करने की परंपरा क्यों बंद कर दी? पता नहीं.  उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने इस फैसले को गहरा राज बनाकर रखा. कारखानों की मजदूर यूनियनों और श्रमिकों को विश्वास में नहीं लिया गया.

लोकसभा चुनाव में हार के बाद 'एक्शन' में कांग्रेस, UP-बिहार की इकाइयों को भंग करने की तैयारी

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसयू) का बुनियादी उद्देश्य लोक कल्याण है, निजी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना नहीं.  सोनिया गांधी ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पीएसयू को आधुनिक भारत का मंदिर कहा था. आज यह देखकर अफसोस होता है कि इस तरह के ज्यादातार ‘‘मंदिर'' खतरे में हैं.  मुनाफे के बावजूद कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा और कुछ खास पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें संकट में डाल दिया गया है . उन्होंने कहा कि एचएएल, बीएसएनएल और एमटीएनएल के साथ क्या हो रहा है, किसी से छिपा नहीं है.  उन्होंने कहा, ‘‘सरकार से मेरा अनुरोध है कि रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी और सार्वजनिक क्षेत्र की सभी संपत्तियों की पूरी रक्षा करे और इन्हें चलाने वाले मजदूरों और कर्मचारियों तथा उनके परिवारों के प्रति आदर और सम्मान का भाव रखे.''

रेलवे का हो सकता है निजीकरण, 100 दिन का मसौदा तैयार​

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Sonia Gandhi, सोनिया गांधी, रायबरेली रेल कोच फैक्टरी