12 सांसदों के संसद के शीतकालीन सत्र की शेष अवधि से निलंबन के मुद्दे पर अब तक केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता सामने आई है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले में रणनीति बनाने के लिए आज एनसीपी, डीएमके और शिवसेना के नेताओं से चर्चा की. सूत्रों ने बताया कि एनसीपी के नेता शरद पवार, शिवसेना नेता संजय राउत,; डीएमके के टीआर बालू, वाम दलों के नेता सीताराम येचुरी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला बैठक अटेंड कर रहे हैं. राहुल गांधी भी बैठक में उपस्थित हैं.सूत्र बताते हैं कि नेताओं ने मामले में शरद पवार से राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू से मामले में आगे का रास्ता तलाशने के लिए बात करने को कहा है.
सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस, जिसका इस समय कांग्रेस के साथ कुछ टकराव चल रहा है, को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है. गौरतलब है कि सांसदों का निलंबन, संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध का अहम कारण रहा है और इसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई है. इससे पहले, आज ही मीडिया से बातचीत के दौरान विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार इस मसले पर विपक्ष की आवाज नहीं सुन रही है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था, 'यह व्यक्तिगत प्रतिष्ठा की नहीं, संसदीय गरिमा की लड़ाई है. ये सिर्फ निलंबन वापसी की लड़ाई नहीं है बल्कि संसदीय लोकतंत्र की बहाली की लड़ाई है.'डीएमके सांसद त्रिची शिवा ने कहा, 'सरकार मुद्दों पर डिबेट नहीं होने दे रही. तीन-चार मुद्दे हैं जिनका नाम भी नहीं लेने दे रही. पीएम खुद सदन में नहीं आते] सरकार विपक्ष का दबाकर और डराकर रखना चाहती है.
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, 'हर सांसद को सदन में आने का हक़ है. सरकार बहुत सख़्त रवैया अपना रही है.बहुत ही अलोकतांत्रिक रवैया है.निलंबित सांसद इस ठंड में भी गांधी प्रतिमा पर बैठते हैं.'तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार हमारी सुनने को तैयार नहीं है. निलंबन सरकार के हाथ में है तो वापसी भी सरकार के हाथ में है. आज हम गांधी प्रतिमा से चल कर यहां तक आए हैं, हम लड़ते रहेंगे, न डरेंगे और न पीछे हटेंगे.
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