
- गीतांजलि ने कहा कि वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बिना संपर्क 48 घंटे से अधिक हिरासत में रखा गया.
- गीतांजलि ने वांगचुक के पाकिस्तान यात्रा के संबंध में लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए इसे गलत बताया.
- हिंसा भड़काने के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि वांगचुक ने उपवास समाप्त कर हिंसा रोकने की कोशिश की.
सोनम वांगचुक की पत्नी डॉ. गीतांजलि अंगमो ने अपने पति के गिरफ्तार होने के बाद पहली बार किसी भारतीय टीवी चैनल के साथ बात की. उन्होंने इसके लिए एनडीटीवी को चुना. अपनी पहली बातचीत में उन्होंने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और केंद्र सरकार के आरोपों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने सीधे कहा, "चार साल पहले शुरू हुआ था विच हंट." सोनम वांगचुक की पत्नी ने आरोप लगाया, "खुफिया ब्यूरो ने एफसीआरए को ब्लैकमेलिंग के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया."
'बिना संपर्क के हिरासत में रखा'

लद्दाख की सामाजिक उद्यमी गीतांजलि जे. अंगमो ने पिछले हफ़्ते हुई हिंसा से अपने पति के जुड़े होने के सरकारी आरोपों का पुरज़ोर खंडन किया है. हिंसा में चार लोग मारे गए और 87 से ज़्यादा घायल हुए. यह हिंसा लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर उनके अनशन के दौरान हुई थी. अंगमो ने कहा कि वांगचुक को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत 48 घंटे से ज़्यादा समय तक बिना किसी संपर्क के हिरासत में रखा गया. उन्होंने आरोप लगाया कि चार साल पहले वांगचुक द्वारा लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग करने के बाद "विच हंट" शुरू हुआ था.
पाकिस्तान यात्रा पर दिया जवाब

अंगमो ने गृह मंत्रालय के उन आरोपों को निराधार बताया, जिनके कारण एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया गया. उन्होंने कहा कि धनराशि बहुत कम थी और कानूनी तौर पर खर्च की गई थी. उन्होंने वांगचुक के "पाकिस्तानी संबंधों" के दावों की भी निंदा की और इसे "गृह मंत्रालय की विफलता" बताया. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र समर्थित जलवायु सम्मेलन में वांगचुक का दौरा पूरी तरह से वैज्ञानिक पर्पस का था. गीतांजलि ने कहा, "उन्होंने पाकिस्तान में आयोजित सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रशंसा की. विदेश यात्रा करने वाला हर व्यक्ति आतंकवादी नहीं होता."
हिंसा भड़काने के आरोप पर

वांगचुक द्वारा हिंसा भड़काने के आरोपों को खारिज करते हुए, अंगमो ने ज़ोर देकर कहा कि उन्होंने हिंसा को बढ़ने से रोकने के लिए अपना उपवास समाप्त कर दिया और झड़पों की निंदा की. गीतांजलि ने कहा, "यहां तक कि शोक संतप्त परिवारों ने भी कहा कि यह वांगचुक की गलती नहीं थी." आगे की कार्रवाई के बारे में उन्होंने कहा, "हम न्याय पाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएंगे. हम सोनम वांगचुक पर लगे आरोपों को जानने के लिए नज़रबंदी के आदेश का इंतज़ार कर रहे हैं. अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं