शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने बुधवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के कुछ जनप्रतिनिधि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के संपर्क में हैं. राउत की टिप्पणी से एक दिन पहले शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना' में दावा किया गया था कि प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के 22 विधायक और नौ सांसद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा 'सौतेले व्यवहार' के कारण घुटन महसूस कर रहे हैं और मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को छोड़ सकते हैं.
शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी धड़े के जनप्रतिनिधियों के संपर्क में रहने के सवाल पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता राउत ने पत्रकारों से कहा, “ बातचीत हमेशा होती है. वे (शिंदे खेमे के लोग) अपनी शिकायत जाहिर करते हैं, लेकिन इसे सार्वजनिक तौर पर बताना ठीक नहीं है. उन्होंने (उद्धव ठाकरे को छोड़ने की) गलती की है और उन्हें इसे निपटना होगा.'
राज्यसभा सदस्य ने कहा, “ शिंदे गुट के लोगों को भाजपा के चिन्ह पर चुनाव लड़ना होगा. ये भाजपा का रुख है. हमारे पास यह जानकारी है.” शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर द्वारा उनकी पार्टी के साथ ‘‘सौतेला व्यवहार किए जाने'' संबंधी बयान दिए जाने के बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने मुखपत्र ‘सामना' में प्रकाशित लेख में शिंदे समूह के विधायकों एवं सांसदों को ‘‘भाजपा के पिंजरे में कैद मुर्गे- मुर्गियां'' करार दिया और कहा कि इनके ‘‘गले पर कब छुरियां चल जाएं, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता.''
ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 2019 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ लिया था और उसने महाराष्ट्र में सरकार गठित करने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ हाथ मिला लिया था. शिवसेना में पिछले साल फूट पड़ने के बाद शिंदे के गुट ने भाजपा के साथ हाथ मिला लिया था और इसके बाद वह मुख्यमंत्री बन गए थे.
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