बेंगलुरु (Bengaluru) इन बाढ़ से जूझ रहा है. बीते कई दिनों से शहर और आसपास के इलाकों में हो रही बारिश ने हालात को और बदतर बना दिया है. प्रशासन प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को निकालने की कोशिशों में जुटा है. मंगलवार को 'अनएकेडमी' के CEO ने अपने परिवार और उनके पेट को रिस्क्यू किए जाने का एक वीडियो सोशल साइट पर साझा किया. 'अनएकेडमी' के CEO गौरव मुंजाल ने परिवार के रेस्क्यू को लेकर एक ट्वीट भी किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि मेरे परिवार और पेट को मेरी सोसाइटी से एक ट्रेक्टर की मदद से रेस्क्यू किया गया. फिलहाल बाढ़ की वजह से मेरी सोसाइटी में पानी भर चुका है. हालात खराब हैं, अपना ध्यान रखें. अगर आपको कोई मदद की जरूरत हो तो मुझे डीएम जरूर करे. मैं मदद करने की हर संभव कोशिश करूंगा.
Family and my Pet Albus has been evacuated on a Tractor from our society that's now submerged. Things are bad. Please take care. DM me if you need any help, I'll try my best to help. pic.twitter.com/MYnGgyvfx0
— Gaurav Munjal (@gauravmunjal) September 6, 2022
बेंगलुरू में भारी बारिश (heavy rainfall) के बाद भीषण जलभराव के साथ, शहर के कई आईटी पेशेवरों (IT professionals) , जिन्हें भारत की सिलिकॉन वैली (India's Silicon Valley) के रूप में जाना जाता है. बाढ़ की वजह से आलम कुछ ऐसा है कि इन कर्मचारियों को अपने ऑफिस तक पहुंचने के लिए ट्रैक्टर की सवारी का सहारा लेना पड़ रहा है. जी हां, कर्मचारी ट्रैक्टर से ऑफिस जा रहे हैं. एचएएल हवाई अड्डे के पास यमलूर जलमग्न हो गया था और जिसकी वजह से आस-पास की आईटी कंपनियों के कई कर्मचारियों को ट्रैक्टर से अपने ऑफिस तक जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
एक आईटी फर्म की एक महिला कर्मचारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "हम अपने ऑफिस से इतनी छुट्टियां नहीं ले सकते हैं, हमारा काम प्रभावित हो रहा है. हम ट्रैक्टरों के लिए हमें 50 रुपये किराए में जाने का इंतजार कर रहे हैं."
These are houses worth more than 30Cr #bangalorerains pic.twitter.com/6D5z29AKLd
— Rakshith Shivaram/ರಕ್ಷಿತ್ ಶಿವರಾಂ (@Bkrs_Rakshith) September 6, 2022
इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आईटी कंपनियों को बेंगलुरु में बारिश और जलभराव के कारण 225 करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान पर चर्चा का आश्वासन दिया है.
बोम्मई ने एएनआई को बताया, "हम आईटी कंपनियों को बुलाएंगे और उनके साथ जलभराव के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में बात करेंगे. हम मुआवजे और बारिश के कारण हुए अन्य नुकसान पर भी चर्चा करेंगे."
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