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This Article is From Feb 18, 2023

प्रदूषण को लेकर मुंबई में स्थिति चिंताजनक, दिल्ली में भी हालात बदतर : रिपोर्ट में दावा

ये सिर्फ कुछ महीनों की बात नहीं है. बीते चार सालों में पीएम 2.5 दिल्ली में औसतन 95 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा है, जबकि मुंबई में यह 45 रहा था. 

प्रदूषण को लेकर मुंबई में स्थिति चिंताजनक, दिल्ली में भी हालात बदतर : रिपोर्ट में दावा
नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में प्रदूषण से हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं. यही वजह है कि प्रदूषण को लेकर आई एक रिपोर्ट में जहां मुंबई में प्रदूषण के स्तर को चिंताजनक बताया गया है वहीं दिल्ली में प्रदूषण से हालात बदतर बताए गए हैं. हालांकि, प्रदूषण के स्तर को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट भी किया. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि काफी लंबे अर्से के बाद दिल्ली विश्व के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर की सूची से बाहर है. ये बात और है कि ऐसा सिर्फ एक दिन हुआ था. इस दिन तेज हवा की वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम हो गया था. बता दें कि प्रदूषण को लेकर आई यह रिपोर्ट स्विस की एक संस्था द्वारा जारी की गई है. यह संस्था प्रदूषण को लेकर आंकड़ों को समय-समय पर अपडेट करती रहती है. 


इस रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में प्रदूषण का स्तर हर बीतते दिन के साथ खराब ही होता जा रहा है. मुंबई को लेकर आए आंकड़े बेहत चिंताजनक हैं. प्रदूषण को लेकर सामने आए डेटा से पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी का प्रदूषण स्तर मुंबई के स्तर से लगातार दोगुना रहा है.

यह रिपोर्ट PM 2.5 प्रदूषक स्तरों के माप पर आधारित है. सूक्ष्म और घातक कण पदार्थ PM मानव शरीर की सुरक्षा को मात दे सकता है. यह फेंफड़ों और शरीर के अन्य अंगों में गहराई तक समा जाने की क्षमता रखता है.

प्रदूषण को लेकर आए इस नए डेटा से पता चलता है कि दिल्ली में वर्ष 2022 की तुलना में प्रदूषण का स्तर मुंबई से भी अधिक है. खास तौर पर बात अगर नवंबर और दिसंबर के महीने की करें तो. इसी महीने यहां प्रदूषण का स्तर दिल्ली से भी ज्यादा था. 

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और ये सिर्फ कुछ महीनों की बात नहीं है. बीते चार सालों में पीएम 2.5 दिल्ली में औसतन 95 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा है, जबकि मुंबई में यह 45 रहा था. 

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तट पर स्थित महानगर आमतौर पर समुद्री हवा से लाभान्वित होते हैं, जो मुख्य रूप से वाहनों, निर्माण और सड़क की धूल से शहर को प्रदूषण से मुक्त करते हैं. हालांकि, इस सर्दी में, डॉक्टरों ने विशेष रूप से बच्चों में सांस संबंधित संक्रमण के रोगियों की संख्या में इजाफे की बात जरूर की है. 

डेटा (नीचे दिए गए) से पता चलता है कि नवंबर और दिसंबर में पीएम 2.5 का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत बढ़ा है. सरकार के आंकड़े कथित तौर पर पिछले नवंबर में 60 प्रतिशत से अधिक की तेज बढ़ोतरी को दर्शा रहे हैं.  

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डेटा, जो स्वच्छ हवा के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देश (नीचे दिए गए) के साथ प्रस्तुत किया गया है. ये दिखाता है कि दोनों शहर केवल 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित पीएम 2.5 सीमा से कितने दूर हैं.

पिछले नवंबर और दिसंबर के लिए, दिल्ली ने WHO के सुरक्षित वायु गुणवत्ता मानक को लगभग 40 गुना और मुंबई को लगभग 16 गुना पार कर लिया . ये दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हैं.

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Source: IQ Air

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